सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा नहीं बढ़ाई है। आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 थी। अगर आप अपना इकनम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाएं हैं तो आप 31 दिसंबर, 2024 तक पेनल्टी देकर अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। हालांकि, लेट रिटर्न दाखिल करने से कई तरह के नुकसान हैं। समयसीमा के बाद ITR दाखिल करने पर आपको आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234A के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना और ब्याज देना पड़ता है।
आप ओल्ड टैक्स रिजीम नहीं चुन सकते
तय समयसीमा के बाद रिटर्न फाइल करने का एक और बड़ा नुकसान यह है कि 1 अगस्त, 2024 से, व्यक्ति FY24 के लिए अपना कर रिटर्न दाखिल करते समय ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुन सकता है। मौजूदा आयकर कानूनों के तहत डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था ही न्यू टैक्स रिजीम है। अगर आप लेट से ITR दाखिल करते हैं, तो आप ओल्ड टैक्स रिजीम के नियमों के तहत उपलब्ध टैक्स छूट का दावा नहीं कर पाएंगे।
पेनल्टी भी चुकाना होगा
अगर आप 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाएं हैं तो अब 31 दिसंबर, 2024 तक अपना पेनल्टी चुकाकर ITR दाखिल कर सकते हैं। अगर दिसंबर तक लेट ITR दाखिल नहीं करते हैं, तो व्यक्ति केवल अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर पाएंगे। इसमें टैक्स बकाया पर 25-50% दंडात्मक ब्याज देना होगा, साथ ही 5,000 रुपये का जुर्माना भी देना होगा। अपडेटेड ITR दाखिल करने से टैक्स भुगतान में बढ़ोतरी हो सकती है। कर विशेषज्ञों के अनुसार, ITR दाखिल न करने के कई नुकसान हैं। इनमें पेनल्टी, नोटिस आदि शामिल हैं।
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