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Hindi News पैसा टैक्स पुराना गोल्ड बेचकर नया गोल्ड खरीदने जा रहे हैं, जानें क्या हैं इनकम टैक्स के नियम

पुराना गोल्ड बेचकर नया गोल्ड खरीदने जा रहे हैं, जानें क्या हैं इनकम टैक्स के नियम

नए नियमों के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी भी नॉन-फाइनेंशियल ऐसेट को खरीदने के दो साल से ज्यादा समय बाद बेचता है तो उस पर इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है।

12.5 प्रतिशत की दर से चुकाना होगा कैपिटल गेन्स टैक्स- India TV Paisa Image Source : FREEPIK 12.5 प्रतिशत की दर से चुकाना होगा कैपिटल गेन्स टैक्स

Capital Gains Tax: हम सभी अपने पुराने गहनों को बेचकर नए डिजाइन के गहने खरीदते हैं। लेकिन इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि पुराने आभूषण को बेचकर नया आभूषण खरीदने पर कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है। नए गहने खरीदने के लिए पुराने सोने को बेचना, पुरानी संपत्ति की बिक्री के रूप में देखा जाता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में कैपिटल गेन्स से जुड़े नियमों में बदलाव की घोषणा की थी।

12.5 प्रतिशत की दर से चुकाना होगा कैपिटल गेन्स टैक्स

नए नियमों के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी भी नॉन-फाइनेंशियल ऐसेट को खरीदने के दो साल से ज्यादा समय बाद बेचता है तो उस पर इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है। जब कोई संपत्ति दो साल से कम समय में बेची जाती है, तो इसे अल्पकालिक पूंजीगत लाभ यानी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स माना जाता है और प्रॉफिट को स्लैब रेट पर टैक्स लगाने के लिए कुल इनकम में जोड़ा जाता है।

क्या टैक्स में छूट का दावा किया जा सकता है

अगर आप बिक्री की इनकम का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने के लिए करते हैं, तो आप इनकम टैक्स पर छूट के लिए दावा कर सकते हैं। टैक्स एक्सपर्ट सीए चिराग चौहान के मुताबिक धारा 54F के तहत, जब बिक्री की इनकम का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है, तो आप इनकम टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं। लेकिन जब सोना या अन्य कीमती धातु को नई संपत्ति खरीदने के लिए बेचा जाता है, तो इसे नई खरीद माना जाता है और बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन्स पर टैक्स लगाया जाता है।

उदाहरण से समझें टैक्स का कैलकुलेशन

उदाहरण के लिए, अगर आपने दो साल पहले सोने की चेन खरीदी थी, जिसे बेचकर आपने 50,000 रुपये का कैपिटल गेन्स कमाया। इस कैपिटल गेन्स पर आपको 6250 रुपये (12.5 x 50,000/100) चुकाना होगा। इसके साथ ही आपको इस पर 4 प्रतिशत सेस (250 रुपये) भी देना होगा। इस तरह से आपको कुल 6500 रुपये का टैक्स देना होगा। ये नए नियम वित्त विधेयक 2024 के पेश होने के साथ ही 23 जुलाई को लागू हो गए थे। 

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