अगर नहीं आया ITR रिफंड तो यहां जानें कारण और उसका उपाय, झट से आ जाएगा पैसा
ITR Refund Canceled: आपने ITR फाइल कर दिया है और अभी तक अपने रिफंड का वेट कर रहे हैं या फिर आपका रिफंड किसी कारणवश कैंसिल हो गया है और आपको इसके बारे में पता नहीं है तो यह खबर आपके लिए है। इन सभी सवालों का जवाब यहां मिलेगा।
ITR refund Process: नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल ने आयकर रिटर्न (ITR) या किसी भी अन्य टैक्स-संबंधी सेवाओं को दाखिल करना आसान बना दिया है। 31 जुलाई 2023 आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख थी। अब अगर कोई टैक्सपेयर रिटर्न फाइल करता है तो उसे फाइन भरना पड़ेगा। जिन लोगों ने रिटर्न फाइल कर दिया है और रिफंड का वेट कर रहे हैं, यह खबर उनके लिए है। अगर आपको रिटर्न फाइल किए 1 हफ्ता से अधिक हो गया है तो एक बार पोर्टल पर जाकर चेक कर लेना चाहिए कि रिफंड जेनरेट हुआ है या नहीं। आज हम आपको रिफंड स्टेटस चेक करने के अलावा किन वजह से आपका रिफंड रुक सकता है उसके बारे में भी बताएंगे।
आईटीआर रिफंड स्टेटस कैसे जांच सकते हैं-
- यूजर आईडी, पासवर्ड, के साथ ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग इन करें।
- मेरे खाते पर जाएं और "रिफंड/डिमांड स्टेटस" पर क्लिक करें।
- मूल्यांकन वर्ष, स्टेटस, कारण (रिफंड विफलता के लिए यदि कोई हो) और भुगतान का डेटा आपके सामने दिख जाएगा।
बता दें कि 31 जुलाई 2023 तक निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए 6.77 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दाखिल किए गए आईटीआर से 16.1% अधिक है। पहली बार 53.67 लाख लोगों ने ITR फाइल किया है। अगर आप इन लोगों में से एक हैं और आपका अभी तक रिफंड नहीं आया है तो उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। तकनीकी गड़बड़ियाँ या त्रुटियाँ आयकर रिफंड में देरी के कुछ सामान्य कारण हैं। विशेष रूप से ऐसे अन्य कारण भी हो सकते हैं जिनकी वजह से आपको अभी भी अपना टैक्स रिफंड नहीं मिला है।
बकाया टैक्स बनेगी रुकावट
किसी टैक्सपेयर पर आईटी विभाग का टैक्स बकाया होने के कारण टैक्स रिफंड अनुरोध को अस्वीकार किया जा सकता है। विभाग द्वारा टैक्सपेयर को उसकी बकाया आयकर राशि के बारे में सूचित करते हुए एक नोटिस भेजा जाएगा। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो टैक्सपेयर को सभी दस्तावेजों की दोबारा जांच करनी चाहिए। यदि आपके द्वारा आयकर रिटर्न में भरा गया विवरण सही है तो आप अपने दावे के समर्थन में सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ITR वेरिफाई ना होना भी एक कारण
आपके रिफंड में देरी या रद्द होने का एक और कारण यह है कि आपका आईटीआर वेरिफाइड नहीं है। यह जानना जरूरी है कि निर्धारित समय के भीतर सत्यापन के बिना, आईटीआर को अमान्य माना जाता है। इस पर आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आईटीआर दाखिल नहीं करने के सभी परिणाम लागू होंगे। आपको रिटर्न दाखिल करने की तारीख से 120 दिनों के भीतर अपना रिटर्न सत्यापित करना चाहिए ताकि आपकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके और आपका टैक्स रिफंड जारी हो सके।
इन तीन तरीकों से आईटीआर कर सकते हैं वेरिफाइड
- आप अपने आईटीआर को इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग करके या बेंगलुरु में सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) को आईटीआर-वी की एक हस्ताक्षरित प्रति भेजकर सत्यापित कर सकते हैं।
- आप आधार ओटीपी का उपयोग करके ई-सत्यापन भी कर सकते हैं। आधार ओटीपी का उपयोग करके अपने रिटर्न को ई-सत्यापित करने के लिए आपको आधार के साथ अपना मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा।
- आप बैंक खाते या डीमैट खाते का उपयोग करके भी ई-सत्यापन कर सकते हैं। आपके डीमैट खाते/बैंक खाते का उपयोग करके अपने रिटर्न को ई-सत्यापित करने के लिए आपके पास एक सक्रिय डीमैट खाता/बैंक खाता होना चाहिए, जिसे ई-फाइलिंग पोर्टल पर पूर्व-सत्यापित और ईवीसी-सक्षम होना चाहिए।
आपको यह जानने के लिए आपकी लेनदेन आईडी या ईमेल पते पर एक संदेश प्राप्त होगा कि आपका आईटीआर सत्यापन सफल हो गया है।
बैंक खाते का पैन-आधार से लिंक होना
केवल पहले से वेरिफाइड बैंक खाते ही आयकर रिफंड प्राप्त करने का अधिकार रखते हैं। इसलिए अगर आपके खाते से पैन और आधार लिंक नहीं है तो नेट बैंकिंग की मदद से तथा ब्रांच में विजिट कर लिंक करा लें। इसके अलावा, ई-वेरिफिकेशन उद्देश्यों के लिए ईवीसी (इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड) को सक्षम करने के लिए व्यक्तिगत टैक्सपेयर द्वारा पहले से मान्य बैंक खाते का भी उपयोग किया जा सकता है। यदि आपके बैंक खाते का डिटेल बदल गया है तो इससे आपके रिफंड की प्रक्रिया में देरी हो सकती है। यदि इन खातों के विवरण में मोबाइल नंबर और ईमेल पता आयकर पोर्टल में प्राथमिक विवरण के समान है तो खाते को मान्य किया जा सकता है।
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