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Hindi News पैसा टैक्स PAN कार्ड रहते हुए दूसरा बनवाना लीगल है या नहीं? जानें क्या कहता है इनकम टैक्स का कानून

PAN कार्ड रहते हुए दूसरा बनवाना लीगल है या नहीं? जानें क्या कहता है इनकम टैक्स का कानून

पैन कार्ड टैक्सपेयर्स के लिए अहम है क्योंकि यह सभी वित्तीय लेनदेन के लिए जरूरी है और इसका उपयोग आपके पैसे के आने-जाने को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पैन को आधार के साथ लिंक कराने की भी सलाह देता है।- India TV Paisa Image Source : FILE इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पैन को आधार के साथ लिंक कराने की भी सलाह देता है।

परमानेंट अकाउंट नंबर या पैन अलग-अलग करदाताओं की पहचान करने का एक साधन है। पैन कार्ड एक 10 अंकों की विशिष्ट पहचान अल्फान्यूमेरिक संख्या है जो भारतीयों को दी जाती है, ज्यादातर उन लोगों को जो टैक्स का भुगतान करते हैं। किसी यूनिट या व्यक्ति को पैन अलॉट आयकर विभाग द्वारा किया जाता है। पैन एक संख्या है, पैन कार्ड एक भौतिक कार्ड है जिसमें पैन नंबर के साथ-साथ नाम, जन्म तिथि, पिता या पति या पत्नी का नाम और फोटो होता है।

पैन कार्ड की कॉपी पहचान या जन्म तिथि के प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत की जा सकती है। लेकिन कई बार देखा जाता है कि लोग एक से भी ज्यादा पैन कार्ड बनवा लेते हैं, लेकिन क्या ये कानूनन वैध है या नहीं। इसकी जानकारी भी कई लोगों को नहीं है। आइए यहां पैन कार्ड की वैधता से जुड़ी जानकारी हासिल करते हैं।

क्या कहता है इनकम टैक्स का नियम

आयकर अधिनियम की धारा 139ए (7) के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति नई सीरीज के तहत एक से अधिक परमानेंट अकाउंट नंबर या पैन के लिए अप्लाई नहीं कर सकता, न ही उसे रख सकता है, या हासिल कर सकता है। बैंकबाजार के मुताबिक, किसी व्यक्ति के पास एक से ज्यादा पैन कार्ड नहीं होने चाहिए। यह लीगल नहीं है। हालांकि, एक ही पैन कार्ड नंबर की दो फिजिकल कॉपी रखना अवैध नहीं है। दूसरी कॉपी को डुप्लिकेट कॉपी माना जाएगा।

एक से ज्यादा पैन रखने पर जुर्माना भी लग सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 272बी के तहत कई पैन रखने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जिसका निर्धारण मूल्यांकन अधिकारी द्वारा किया जाता है। चूककर्ताओं को खुद को समझाने का अवसर मिलता है, और यह धारा गलत पैन जानकारी देने पर भी लागू होती है।

पैन क्यों महत्वपूर्ण है

पैन कार्ड टैक्सपेयर्स के लिए अहम है क्योंकि यह सभी वित्तीय लेनदेन के लिए जरूरी है और इसका उपयोग आपके पैसे के आने-जाने को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। आयकर का भुगतान करते समय, टैक्स रिफंड हासिल करते समय और आयकर विभाग से कम्यूनिकेशन हासिल करते समय यह अहम है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पैन को आधार के साथ लिंक कराने की भी सलाह देता है।

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