आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने मंगलवार को कहा कि सरकार एक्सपोर्टर को टैक्स छूट योजनाओं के लिए स्क्रिप की जगह कैशबैक देने पर विचार कर सकती है। संस्थान का कहना था कि ऐसा करने से उनके कैश फ्लो में तुरंत सुधार होगा। मौजूदा प्रावधान में एक्सपोर्टेड प्रोडक्ट्स पर शुल्क और टैक्स में छूट योजना यानी आरओडीटीईपी और राज्य तथा केंद्रीय करों एवं शुल्क में छूट (आरओएससीटीएल) योजना के तहत ‘स्क्रिप’ के रूप धन राशि वापस की जाती है। भाषा की खबर के मुताबिक, इसका इस्तेमाल इम्पोर्ट के वक्त मूल सीमा शुल्क का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है।
नकदी के बजाय ‘स्क्रिप’ के रूप में इस्तेमाल
खबर के मुताबिक,‘स्क्रिप’ को दूसरे एक्सपोर्टर को बेचा जा सकता है। वह बाद में इसका इस्तेमाल मूल सीमा शुल्क के भुगतान के लिए नकदी के बजाय ‘स्क्रिप’ के रूप में कर सकते हैं। ये स्कीम भारतीय निर्यातकों को चुनिंदा केंद्रीय और राज्य शुल्क को ही वापस (रिफंड) करती है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के मुताबिक, निर्यातकों को आरओडीटीईपी और आरओएससीटीएल का बकाया नकद में लौटाएं न कि ‘स्क्रिप’ के रूप में। इससे साल 2024 के लिए कमजोर निर्यात परिदृश्य का सामना कर रहे हजारों निर्यातकों के नकदी प्रवाह में तुरंत सुधार होगा।
हजारों निर्यातकों को मदद मिलेगी
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि कई छोटे मूल्य के ‘स्क्रिप’ का इस्तेमाल ही नहीं हो पाता। इस प्रकार छोटे निर्यातक को घोषित प्रोत्साहन से कम मिलता है। उन्होंने कहा कि नकद धन वापसी से समुद्री, चमड़ा, रत्न व आभूषण, कृषि और इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक, मोटर वाहन, मशीनरी और प्लास्टिक जैसे रोजगार-उन्मुख क्षेत्रों के हजारों निर्यातकों को मदद मिलेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि नकद लौटाने से निर्यातकों की वित्तीय स्थिरता में तुरंत सुधार होगा।
‘स्क्रिप’ एक प्रकार की वैकल्पिक मुद्रा
डायरेक्ट कैश डिस्ट्रीब्यूशन से रियायती ‘स्क्रिप’ बिक्री की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्यातकों को उनके ‘रिफंड’ का पूरा मूल्य हासिल होगा। उन्होंने कहा कि छोटी कंपनियां जो भारत की निर्यात अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं उन्हें इससे खास लाभ होगा। इससे उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर ज्यादा प्रभावी ढंग से कॉम्पिटिटिव बनाने में मदद मिलेगी। ‘स्क्रिप’ एक प्रकार की वैकल्पिक मुद्रा है जिसे सिर्फ एक निश्चित कंपनी में ही भुनाया जा सकता है।
Latest Business News