प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (प्रत्यक्ष कर संग्रह) में 182 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में 19.60 लाख करोड़ रुपये रहा है। भाषा की खबर के मुताबिक, आयकर विभाग द्वारा जारी लेटेस्ट टाइम सीरीज डेटा से पता चला है कि कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 10 साल में दोगुना से ज्यादा होकर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 9.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
व्यक्तिगत आयकर संग्रह लगभग चार गुना
खबर के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तिगत आयकर संग्रह लगभग चार गुना होकर 10.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। मोदी सरकार के पहले साल 2014-15 में प्रत्यक्ष कर संग्रह करीब 6.96 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें करीब 4.29 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर और 2.66 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर शामिल था। दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (संशोधित रिटर्न सहित) की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 के 4.04 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 8.61 करोड़ से अधिक हो गई।
करदाताओं की संख्या 10.41 करोड़
प्रत्यक्ष कर-जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात 2014-15 के 5.55 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 6.64 प्रतिशत हो गया। करदाताओं की संख्या आकलन वर्ष 2014-15 में 5.70 करोड़ थी जो बढ़कर आकलन वर्ष 2023-24 में 10.41 करोड़ हो गई।
इस साल 10 अक्टूबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह
चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 10 अक्टूबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.3 प्रतिशत बढ़कर लगभग 11.25 लाख करोड़ रुपये रहा है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनुसार, इसमें 5.98 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर संग्रह और 4.94 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर संग्रह शामिल है। प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 30,630 करोड़ रुपये रहा, जबकि अन्य करों (समानीकरण शुल्क और उपहार कर सहित) से 2,150 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। आयकर विभाग ने एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 9.51 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह जुटाया था।
एक अप्रैल से 10 अक्टूबर के बीच 2.31 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया, जो 46 प्रतिशत की वृद्धि है। सकल आधार पर प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.3 प्रतिशत बढ़कर 13.57 लाख करोड़ रुपये हो गया। संग्रह में 7.13 लाख करोड़ रुपये का पीआईटी (व्यक्तिगत आयकर) और 6.11 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर शामिल है।
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