टैक्स सेविंग का सीजन चल रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में आयकर (Income Tax) छूट लेने के लिए केवल 31 मार्च तक का वक्त है। ऐसे में अगर आप निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं तो सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) या स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में कहां करना सही होगा? आपको बता दें कि अभी पीपीएफ पर 7.1% ब्याज तो VPF में 8.25% की दर से ब्याज मिल रहा है। आइए जानते हैं कि इन दोनों में कहां निवेश करना बेहतर होगा।
पीपीएफ और वीपीएफ में कौन निवेश कर सकता है?
कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। वहीं, केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करते हैं, वे वीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि आपके ईपीएफ खाते का विस्तार है। चूंकि यह स्वैच्छिक है, वीपीएफ के लिए योगदान ईपीएफ के लिए 12% अनिवार्य योगदान से अधिक होगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वीपीएफ विशेष रूप से वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, जबकि पीपीएफ वेतनभोगी और स्व-रोज़गार दोनों व्यक्तियों को प्रदान करता है।
पीपीएफ और वीपीएफ में कितना निवेश कर सकते हैं?
आप सिर्फ 100 रुपये से पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। ध्यान रखें कि आपको एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा करना होगा। आप एक वित्तीय वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1,50,000 रुपये निवेश कर सकते हैं। वीपीएफ के लिए कोई न्यूनतम राशि या न्यूनतम वार्षिक निवेश नहीं है। आप ईपीएफ और वीपीएफ को मिलाकर अपने मूल वेतन का 100% तक योगदान कर सकते हैं।
पीएफ या VPF: कहां निवेश करें?
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, वीपीएफ और पीपीएफ के बीच आपकी पसंद पात्रता, व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों जैसे कारकों पर निर्भर करेगा। अगर आप सेवानिवृत्ति के लिए बचत कर रहे हैं, तो VPF एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि वर्तमान में वीपीएफ पर 8.15% की दर से तो पीपीएफ पर 7.1% की दर से ब्याज मिल रहा है। यानी पीपीएफ की तुलना में 1% अधिक ब्याज वीपीएफ पर मिल रहा है। सेवानिवृत्ति के लिए निवेश करने का एक बढ़िया विकल्प है।
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