केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि चालू सत्र में अब तक दाखिल कुल आयकर रिटर्न (ITR) में से 66 प्रतिशत से अधिक करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को चुना है। अब तक कुल चार करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि सरकार और प्रत्यक्ष कर विभाग का ध्यान आयकर विभाग के साथ आईटीआर दाखिल करने और अन्य कारोबार करने सहित कर प्रक्रियाओं के ‘सरलीकरण’ पर है। बिना पेनल्टी के आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है।
पिछले साल से ज्यादा रिटर्न फाइल हुए
अग्रवाल ने कहा, “(सरकार का) विचार यह है कि जितना अधिक आप सरलीकरण करेंगे, उतना ही लोगों के लिए अनुपालन करना आसान हो जाएगा, जिससे इसमें वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा, “यह इस तथ्य से भी दिखता है कि आज की तारीख तक दाखिल किए गए रिटर्न (आईटीआर) की संख्या पिछले वर्ष में इसी समय के दौरान दाखिल किए गए रिटर्न की तुलना में काफी अधिक है।” उन्होंने कहा कि पिछले साल चार करोड़ आईटीआर का आंकड़ा 25 जुलाई को पार हो गया था, लेकिन इस बार यह संख्या 22 जुलाई की रात को पार हो गई।
नए टैक्स रिजीम को अपना रहे लोग
सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा कि नई कर व्यवस्था के प्रति ‘पर्याप्त आकर्षण’ है और आज तक दाखिल लगभग 66 प्रतिशत आयकर रिटर्न (आईटीआर) नई व्यवस्था के तहत हैं। “उम्मीद है कि आगे चलकर हमें (नई आईटीआर व्यवस्था के तहत) अधिक लाभ मिलेगा।” उन्होंने कहा कि पिछले साल 31 जुलाई को अंतिम तिथि तक लगभग 7.5 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे।
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