नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से केवल देश की जनता ही नहीं बल्कि सरकार की कमाई पर भी बुरा असर पड़ा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक सूत्र ने बुधवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 15 सितंबर तक सरकार के कुल टैक्स राजस्व संग्रह में 22.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु को छोड़ दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई के टैक्स संग्रह में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 22.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष में 15 सितंबर तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2,53,532.3 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22.5 प्रतिशत कम है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्र ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कुल कर संग्रह 3,27,320.2 करोड़ रुपए रहा था। बता दें कि इसमें कॉर्पोरेट, आयकर और एडवांस टैक्स शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में मुंबई में टैक्स कलेक्शन 13.9 प्रतिशत घटा है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में कोलकाता में टैक्स कलेक्शन 13.9 प्रतिशत घटा है। वहीं, इसी अवधि में चेन्नई में टैक्स संग्रह 37.3 प्रतिशत घटा है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में दिल्ली में टैक्स संग्रह 33 प्रतिशत कम हुआ है। कोरोना वायरस काल में बेंगलुरु इस मामले में अपवाद रहा है।
सूत्रों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बेंगलुरु में टैक्स संग्रह बढ़ा है। इस दौरान बेंगलुरु के टैक्स संग्रह में 9.9 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। जानकारों का कहना है कि बेंगलुरु को आईटी हब होने का फायदा मिला है। कोरोना काल में आईटी और इंटरनेट पर बढ़ती निर्भरता का फायदा बेंगलुरु को मिला है।
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