Income Tax विभाग ने 13 अक्टूबर तक 38.11 लाख करदाताओं को किया 1.23 लाख करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए।
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के दौरान 38 लाख से अधिक करदाताओं को 1.23 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स रिफंड जारी किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार व्यक्तिगत आयकर मामले में 36.21 लाख करदाताओं को 33,442 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया, जबकि कॉरपोरेट टैक्स मद में 1.89 लाख करदाताओं को 90,032 करोड़ रुपए लौटाए गए।
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए। उसने कहा कि व्यक्तिगत आयकर रिफंड मामले में 36,21,317 करदाताओं को 33,442 करोड़ रुपए लौटाए गए, जबकि कॉरपोरेट टैक्स मद में 1,89,916 करदाताओं को 90,032 करोड़ रुपए लौटाए गए।
जून तिमाही में बैंकों के ऋण की वृद्धि घटकर 5.6 प्रतिशत रही
बैंकों के ऋण की वृद्धि जून तिमाही में सालाना आधार पर घटकर 5.7 प्रतिशत रह गई है। यह लगातार छठी तिमाही है जबकि बैंकों के ऋण की वृद्धि दर घटी है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। आंकड़ों के अनुसार तिमाही के दौरान सभी बैंक समूहों में ऋण या अग्रिम की वृद्धि घटी है। रिजर्व बैंक द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के जून, 2020 के ऋण के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में औद्योगिक ऋण सालाना आधार पर 0.6 प्रतिशत घट गया। कुल अग्रिम में औद्योगिक ऋण का हिस्सा घटकर 30.8 प्रतिशत रह गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 32.8 प्रतिशत था। इस दौरान परिवारों को ऋण नौ प्रतिशत बढ़ा। कुल ऋण में इस क्षेत्र का हिस्सा बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 48.7 प्रतिशत था।
तिमाही के दौरान बकाया कर्ज पर भारित औसत ऋण दर (डब्ल्यूएएलआर) 0.25 प्रतिशत घटी। पिछले एक साल के दौरान यह 0.55 प्रतिशत घटी है। रिजर्व बैंक ने कहा कि इसमें 90 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) की 1,25,686 शाखाओं के आंकड़े शामिल हैं। इसी के साथ रिजर्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा की मार्च-2020 की रिपोर्ट भी जारी की है। आंकड़ों के अनुसार पारिवारिक क्षेत्र की कुल जमा में सबसे अधिक 63.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। मार्च, 2020 में पारिवारिक क्षेत्र में व्यक्तिगत लोगों (अविभाजित हिंदू परिवार सहित) का कुल जमा में सबसे बड़ा 55.6 प्रतिशत का हिस्सा था।
आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं के जमा खातों में पिछले कुछ साल से लगातार इजाफा हो रहा है। मार्च, 2020 तक कुल जमा खातों में से 32 प्रतिशत महिलाओं के खाते थे। यह आंकड़ा मार्च, 2010 में 20.8 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने कहा है कि ब्याज दरों में गिरावट के बीच सात प्रतिशत से कम ब्याज दर वाली मियादी जमाओं का हिस्सा मार्च, 2020 में बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गया। एक साल पहले यह आंकड़ा 46 प्रतिशत था।