How to Save Income Tax : खर्च करिए और बचाइए इनकम टैक्स, सेविंग की भी नहीं होगी जरूरत
आपको यह बात थोड़ी आश्चर्यजनक जरूर लगे लेकिन सच्चाई यही है कि आप सिर्फ बचत या निवेश के जरिए ही नहीं बल्कि खर्च करके भी अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं।
नई दिल्ली। इनकम टैक्स बचाने का सीजन आ गया है। हर कमाऊ व्याक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्स देना पड़े। आपको यह बात थोड़ी आश्चर्यजनक जरूर लगे लेकिन सच्चाई यही है कि आप सिर्फ बचत या निवेश के जरिए ही नहीं बल्कि खर्च करके भी अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कहां खर्च करने से बचता है आपका इनकम टैक्स।
मेडिक्लेम के प्रीमियम पर करें खर्च और पाएं 50,000 रुपए तक के डिडक्शन का लाभ
लगातार महंगे होते हेल्थकेयर को देखते हुए हर किसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है। इससे न केवल आप आपातकालीन परिस्थितियों में अस्पतालों के खर्च से बचते हैं बल्कि इसके प्रीमियम के पेमेंट पर आपको इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी मिलता है। अगर आप अपने और परिवार के लिए मेडिक्लेम लेते हैं तो 25,000 रुपए तक के प्रीमियम पर कटौती यानी डिडक्शन का फायदा मिलेगा। अगर आप अपने माता-पिता के मेडिक्लेम का प्रीमियम भी भरते हैं तो आपको 25,000 रुपए का एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलेगा। मतलब कुल मिलाकर इस खर्च पर आप 50,000 रुपए तक बचा सकते हैं।
बच्चों की ट्यूशन फीस पर मिलता है डिडक्शन का लाभ
टैक्स बचाने के लिए जल्दबाजी में इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हुए या फिक्स्ड डिपॉजिट करवाते हुए लोग यह भूल जाते हें जिन प्राइवेट स्कूलों में वे अपने बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं, उसकी ट्यूशन फीस के पेमेंट पर भी इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है। सबसे पहले अपने बच्चों की सालाना फीस जोड़ कर देख लें कि यह डेढ़ लाख रुपए से कितना कम है। शेष राशि का निवेश आप बचत या खर्च के अन्य विकल्पों में कर सकते हैं।
गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाला खर्च पर भी मिलता है डिडक्शन का फायदा
आर्थिक रूप से आप पर निर्भर परिवार का कोई सदस्य अगर गंभीर बीमारी से पीडि़त है तो उसके इलाज पर होने वाले खर्च का दावा आप आयकर अधिनियम की धारा 80डीडीबी के तहत कर सकते हैं। कटौती का यह दावा पति या पत्नी, बच्चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है। ध्यान रहे, इस धारा के तहत सिर्फ निवासी भारतीय ही टैक्स में कटौती का दावा कर सकते हैं। आप इलाज पर होने वाले वास्तविक खर्च या 40,000 रुपए, जो भी कम हो, का दावा कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों की गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च की सीमा 60,000 रुपए और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए इसकी सीमा 80,000 रुपए है।