जांच नोटिस मिलने पर अधिकारी से मिलना जरूरी नहीं, इंटरनेट से पूरी करें आगे की प्रक्रिया: आयकर विभाग
जवाबों के आकलन के लिए आयकर विभाग की विशेष टीमें बनायी गई हैं
नई दिल्ली। यदि किसी व्यक्ति को आयकर से जुड़ी जांच का नोटिस मिलता है तो उसे अपने यहां के स्थानीय आयकर अधिकारी से व्यक्तिगत तौर पर मिलने की जरूरत नहीं है। वह व्यक्ति आयकर विभाग की नयी संपर्क रहित आकलन योजना के तहत इस संबंध में आगे की प्रक्रिया पूरी कर सकता है। आयकर विभाग ने एक जनसूचना में कहा, ‘‘आयकर विभाग का चेहरा अब बदल रहा है।’’ कोई व्यक्ति अब इंटरनेट के माध्यम से संपर्क रहित आकलन व्यवस्था का लाभ उठा सकता है। आयकर विभाग ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति या करदाता को विभाग की ओर से कर जांच का नोटिस मिल भी जाता है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। ‘‘संपर्क रहित आयकर आकलन व्यवस्था आपकी मदद करेगी। अपनी आय और कर के बारे में समझाने के लिए आपको (करदाता) को स्थानीय आयकर अधिकारी से व्यक्तिगत तौर पर मिलने की जरूरत नहीं है।’’ विभाग ने कहा कि व्यक्ति अपने जवाब को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आयकर विभाग की वेबसाइट पर जमा करा सकता है।
इन जवाबों के आकलन के लिए आयकर विभाग की विशेष टीमें बनायी गयीं हैं जो देश के विभिन्न शहरों में काम करती हैं। जनसंदेश में कहा गया है कि संपर्क रहित कर आकलन व्यवस्था उपयुक्त आकलन सुनिश्चित करेगी। यह सुविधा पहले ही करीब 58,000 करदाताओं की मदद कर चुकी है। इस योजना को अक्टूबर में शुरू किया गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पहले चरण में विभाग इस योजना के तहत 7,116 मामलों का निपटान कर चुका है। संपर्क रहित कर आकलन के लिए बनायी गयी विशेष टीमों की कोई व्यक्तिगत पहचान नहीं होती। देशभर में तैनान इन टीमों को किसी भी स्थान से जुड़े मामलों के आकलन का काम दिया जा सकता है, अर्थात ऑनलाइन प्राप्त हुए दस्तावेजों के आधार पर उत्तर भारत के किसी मामले का आकलन दक्षिण भारत का अधिकारी भी कर रहा हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि इस सुविधा के तहत इन विशेष टीमों को 58,319 मामले आकलन करने के लिए सौंपे गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल पांच जुलाई को अपने बजट भाषण में इस सुविधा को शुरू करने की घोषणा की थी।