नई दिल्ली। आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि पास आने के साथ ही सिस्टम पर भी बोझ बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से तकनीकी दिक्कते भी आना शुरू हो गई हैं। हाल ही में तकनीकी दिक्कतों की वजह से लोगो ने ट्विटर के जरिए अंतिम तारीख बढ़ाने की मांग भी मांग की थी। आज इन दिक्कतों से जुड़ी शिकायतें बढ़ने के साथ ही आयकर विभाग ने सफाई दी। विभाग ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें कुछ यूजर्स की तरफ से शिकायत मिली है कि रिटर्न पर ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार बेस्ड ओटीपी पाने में दिक्कत हो रही है। आयकर विभाग ने कहा कि उन्होने इस शिकायत को संबंधित विभाग तक पहुंचा दिया है।
इसके साथ ही आयकर विभाग ने साफ किया कि आयकरदाताओं को रिटर्न दी गई तारीख तक भरना है हालांकि आधार ओटीपी या दूसरे माध्यम के जरिए ई-वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों तक किया जा सकता है। यानि आयकर विभाग ने सलाह दी है कि करदाता अपना रिटर्न समय पर भरे वेकिफिकेशन में दिक्कत आने पर वो 120 दिनों का विकल्प चुन सकते हैं। रिटर्न भरते वक्त टैक्स पेड एंड वेरीफिकेशन पेज पर 3 वेरिफिकेशन ऑप्शन दिए गए हैं। इसमें से एक ई- वेरिफिकेशन का है, दूसरा 120 दिन में ई-वेरिफिकेशन का है और तीसरा 120 दिन में पोस्ट द्वारा दस्तखत किया हुआ ITR-V भेजने का है। विभाग के मुताबिक अगर पहले विकल्प में समस्या है तो करदाता दूसरा विकल्प भी चुन सकते हैं।
आयकर विभाग के मुताबिक अब तक 4 करोड़ 30 लाख से ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। दाखिल किये गये आयकर रिटर्न में से करीब 2.4 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1 दाखिल किया है वहीं 92 लाख से ज्यादा ने आईटीआर-4, दाखिल किया है। व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए आयकर रिटर्न जमा कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2020 है। वहीं जिन करदाताओं के खातों के ऑडिट की जरूरत है, वे आयकर रिटर्न 31 जनवरी, 2021 तक जमा करा सकते हैं। कोविड-19 महामारी की वजह से आयकर रिटर्न जमा कराने की तारीख पहले 31 जुलाई फिर 31 अक्टूबर, 2020 बढ़ाई गई थी जिसके बाद अब उसे 31 दिसंबर कर दिया गया है।
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