नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को 'रिसर्च एसोसिएशन' का टैग प्रदान किया है, जिससे ट्रस्ट को किए गए दान को आयकर से छूट मिल गई है। अधिसूचना वर्ष 2021-2022 से 2026-27 के दौरान किए गए दान पर लागू होगी और कोई दानदाता उसी अवधि के लिए कर कटौती का दावा कर सकता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की अधिसूचना में कहा गया है कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35 की उप-धारा (1) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, आयकर नियम, 1962 के नियम 5सी और 5डी के साथ पठित, केंद्र सरकार एतद्द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35 की उप-धारा (1) के प्रयोजनों के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए 'रिसर्च एसोसिएशन' श्रेणी के तहत मैसर्स पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को मंजूरी देती है। इसे आयकर नियम, 1962 के नियम 5सी और 5डी के साथ पढ़ें।
यह अधिसूचना आधिकारिक राजपत्र (यानी पिछले वर्ष 2021-2022 से) में प्रकाशन की तारीख से लागू होगी और तदनुसार आकलन वर्ष (वर्षों) 2022-23 से 2027-28 के लिए लागू होगी। आयकर मानदंडों के अनुसार, 'व्यवसाय और पेशे' के तहत आय की गणना करते समय, एक करदाता को वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए 'अनुमोदित वैज्ञानिक अनुसंधान संघ' को भुगतान की गई किसी भी राशि पर कटौती करने की अनुमति है।
रिसर्च फाउंडेशन को दी गई नई कर मान्यता के साथ, संस्था अब दान में वृद्धि देखने की उम्मीद कर सकती है।
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