Loan against Mutual Funds: कई बार अचानक पैसों की जरूरत आ पड़ती है, जिसकी वजह से लोगों को अपनी सेविंग्स या निवेश से पैसे निकालने पड़ते हैं। अगर आपको भी अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई है और आप अपने म्यूचुअल फंड्स से पैसे निकालने का प्लान बना रहे हैं तो अपना प्लान बदल भी सकते हैं। जी हां, अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं और आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई है तो आप अपने म्यूचुअल फंड के बदले लोन ले सकते हैं।
देश के कई बैंक म्यूचुअल फंड के बदले 10 से 15 प्रतिशत की ब्याज दरों पर लोन मुहैया कराते हैं। बताते चलें कि अगर आपके पास इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो आप उसकी वैल्यू का 50 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा। अगर आपके पास डेट म्यूचुअल फंड है तो आपको 25 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा।
एलिजिबिलिटी
म्यूचुअल फंड के बदले लोन लेने के लिए सबसे पहले आपके पास एक सेविंग्स अकाउंट होना चाहिए। आपके सेविंग्स अकाउंट में दिया गया पैन नंबर और म्यूचुअल फंड के लिए दिया गया पैन नंबर सेम होना चाहिए। अब आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा। हर बैंक के पास म्यूचुअल फंड हाउस की एक लिस्ट होती है। अगर उस लिस्ट में आपके फंड हाउस का भी नाम शामिल है तो आपको लोन मिल सकता है।
कैसे करें अप्लाई
आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर अपने म्यूचुअल फंड्स से जुड़ी जरूरी डिटेल्स डालकर ऑनलाइन लोन ले सकते हैं। इसके अलावा आप अपने बैंक ब्रांच में भी विजिट कर लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
कब लें लोन
म्यूचुअल फंड्स के बदले लोन तभी लें जब आपको पैसों की बहुत ज्यादा जरूरत है और आपके पास कोई दूसरी विकल्प नहीं है। इसके साथ ही आपको ये यकीन होना चाहिए कि आप इस लोन को जल्द से जल्द चुका सकते हैं। ध्यान रहे कि म्यूचुअल फंड के बदले लिए जाने वाले लोन की राशि ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए और इस लोन की अवधि भी छोटी ही होनी चाहिए।
कब नहीं लेना चाहिए लोन
अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड के बदले लोन लेना चाहते है तो आपको लोन वैल्यू का कम से कम 50% मार्जिन के तौर पर गिरवी रखना पड़ेगा। लेकिन, शेयर बाजार में जब ज्यादा उतार-चढ़ाव होने लगे तो ये मार्जिन जल्द ही खत्म भी हो सकता है। ऐसे मामलों में बैंक आपसे और भी म्यूचुअल फंड गिरवी रखने को कह सकता है या आपके निवेश के कुछ हिस्से को बेचने का भी फैसला कर सकता है।
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