Mutual Funds में निवेश करना शेयर बाजार में सबसे अच्छा माना जाता है। 2023 में बाजार में तेजी रहने के कारण कई म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। XIRR आधार पर देखें तो कई म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों को 60 से लेकर 70 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। आमतौर पर किसी भी म्यूचुअल फंड में रिटर्न दो आधार पर मापा जाता है। पहला - सीजीएआर, जिसमें वार्षिक आधार पर रिटर्न आंका जाता है और दूसरा- एक्सआईआरआर, इसमें निवेश पर फायदे के रूप में कुल रिटर्न को मापा जाता है।
इन म्यूचुअल फंड ने दिया 60 से 70% का रिटर्न
बंधन स्मॉल कैप फंड की ओर से एस्कआईआरआर आधार पर 70.06 प्रतिशत का रिटर्न दिया गया है। वहीं, महिंद्र मनुलाइफ स्मॉल कैप फंड ने 69.78 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इसके अलावा आईटीआई स्मॉल कैप फंड ने 65.51 प्रतिशत, निप्पॉन इंडिया ग्रोथ फंड द्वारा 63.96 प्रतिशत, फ्रैकलिन इंडिया स्मॉलर कंपनी फंड द्वारा 63.05 प्रतिशत, एचएसबीसी मल्टी कैप फंड ने 61.16 प्रतिशत का एक्सआईआईआर रिटर्न दिया है। इसके अलावा क्वांट स्मॉल कैप फंड द्वारा 59.49 प्रतिशत, निप्पॉन स्मॉल कैप फंड द्वारा 58.54 प्रतिशत और जेएम वैल्यू फंड द्वारा 58.44 प्रतिशत का रिटर्न एक्सआईआरआर आधार पर दिया गया है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 247 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने 21 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। अगर इन फंड में कोई 10,000 रुपये की एसआईपी हर महीने करता तो उसका निवेश 1.19 लाख रुपये से लेकर 1.56 लाख रुपये के बीच होता। इसमें लार्ज कैप, लार्ज और मिड कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप, फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप, ईएलएसएस फंड , कॉन्ट्रा और वैल्यू फंड का विश्लेषण किया गया है।
भारत में बढ़ रहा एसआईपी निवेश
भारत में म्यूचुअल फंड के जरिए एसआईपी का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2022 में म्यूचुअल फंड में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। वहीं, 2021 में 1.14 लाख करोड़ और 2020 में 97,000 करोड़ रुपये का एसआईपी इनफ्लो हुआ था।
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