अगर आपने अभी तक कोई लोन और क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है तो आपको लोन मिलना पहले के मुकाबले कठिन हो गया है। ट्रांसयूनियन सिबिल (Trans Union Cibil) के डेटा के मुताबिक 2021 और 2022 की जून तिमाही में बैंकों की ओर से 29 प्रतिशत नई लोन एप्लीकेशन अप्रूव की गई थी। वहीं, 2023 में ये आंकड़ा घटकर 23 प्रतिशत रह गया है। यानी बीते एक वर्ष के दौरान बैंकों द्वारा 5 प्रतिशत कम नई क्रेडिट एप्लीकेशन अप्रूव की गई है।
जून डेटा में क्रेडिट स्कोर वालों के लोन एप्रूवल में भी मामूली गिरावट देखी गई है। हालांकि,यह नए लोन लेने वालों की अपेक्षा में काफी कम है। होम लोन, प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन सभी कैटेगरी में नए क्रेडिट के एप्रूवल में गिरावट हुई है।
बैंक क्यों कम दे रहे लोन?
आमतौर पर जब भी किसी व्यक्ति द्वारा बैंक में लोन के लिए आवेदन किया जाता है तो बैंक सबसे पहले उस व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है। ऐसे में जब बैंक को किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री नहीं मिलती है और रीपेमेंट को लेकर एश्योर नहीं होते हैं तो बैंक ऐसे लोगों को लोन नहीं देते हैं। नए लोन के एप्रूवल में गिरावट होना ये दर्शाता है कि बैंकों ने रिस्क को कम रखने के लिए पहले की अपेक्षा नियमों को सख्त कर दिया है।
जानकारों का कहना है कि जब भी बैंक अपने रिस्क को कम रखने के लिए लोन के मापदंड़ों को सख्त करते हैं तो सबसे पहले इसका असर बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों पर पड़ता है।
4 प्रतिशत गिरा नए क्रेडिट होल्डर्स का शेयर
डेटा के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में नया क्रेडिट लेने वाले ग्राहकों का शेयर वित्तीय संस्थाओं में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत गिरकर 15 प्रतिशत रहा है। वहीं, प्राइम ग्राहकों और उससे ऊपर के ग्राहकों के शेयर में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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