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म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश क्यों है एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी? समझिए क्या मिलते हैं बेनिफिट

जब आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं, तो आपको मार्केट के समय के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

SIP- India TV Paisa Image Source : FILE एसआईपी

क्या आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश करने की सोच रहे हैं? अगर हां, तो आप इसमें एकमुश्त भी पैसे लगा सकते हैं और दूसरा सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। आपके पास एक साथ ज्यादा पैसे हैं और आप किसी फंड में इकट्ठा निवेश करना चाह रहे हैं तो एकमुश्त निवेश का तो तरीका है। लेकिन अगर आप छोटी रकम के साथ हर महीने  म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके सामने एसआईपी (Systematic Investment Plan) का ऑप्शन होता है। एसआईपी के जरिये इन्वेस्टमेंट (mutual funds investment through SIP) को जानकार एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी बताते हैं। इसके कई फायदे हैं।

रुपये की औसत लागत

जब आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं, तो आपको मार्केट के समय के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। फ्रैंकलिन टेम्पल्टन इंडिया के मुताबिक, एसआईपी इन्वेस्टमेंट यह सुनिश्चित करता है कि जब मार्केट में गिरावट हो तो आप ज्यादा फंड यूनिट खरीदें और जब बाजार हाई लेवल पर हो तो कम यूनिट्स खरीदें। इसे रुपये की औसत लागत के रूप में जाना जाता है। यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता की चिंता किए बिना अपेक्षाकृत उचित रिटर्न देने में मददगार होता है।

कंपाउंडिंग की  पावर

एसआईपी के जरिये पैसा निवेश करने में अमाउंट की कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. कंपाउंडिंग आपके मूल निवेश और हासिल इनकम पर इनकम जेनरेट होने की प्रक्रिया है। कंपाउंडिंग को आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड में सालाना 10 प्रतिशत ब्याज की दर से 10,000 लगाते हैं तो साल के आखिर में आपको 1000 रुपये का ब्याज मिलता है। अब,आप न सिर्फ मूल निवेश राशि पर ब्याज कमाना शुरू करते हैं, बल्कि आपने जो 10,000 रुपये निवेश किया, उसपर जो 1000 रुपये इनकम हासिल किया, उस राशि पर भी कमाई होती है.धीरे-धीरे समय बीतने के साथ  यह अमाउंट एक बड़े फंड के तौर पर डेवलप हो सकता है। 

निवेश करना आसान

म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश आसान है। इसमें आपको तय करना होता है कि आप हर महीने कितनी राशि निवेश करना चाहते हैं,फिर अपने बैंक अकाउंट में एक ऑटो-डेबिट इंस्ट्रक्शन हासिल करना होता है। इससे वह तय अमाउंट सीधे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. फंड की निगरानी करना भी आसान है क्योंकि एएमसी आपको आपके निवेश के सभी जरूरी डिटेल स्पष्ट और शॉर्ट फॉर्म में उपलब्ध कराते हैं.

फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए शानदार टूल

फाइनेंशियल प्लानिंग में एसआईपी काफी मददगार होते हैं.जाहिर है आपके अलग-अलग फाइनेंशियल टारगेट होंगे, जिसको आप हासिल करना चाहते हैं. इसमें घर खरीदना या 10 साल बाद खुद का बिजनेस सेट अप करना आदि है. अब ऐसे टारगेट के लिए एसआईपी के जरिये निवेश करना काफी सही होता है.जब आप अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में लगातार निवेश करते हैं, तो आप अपने सभी फाइनेंशियल टारगेट हासिल करने की उम्मीद कर सकते हैं।

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