शेयर बाजार में बड़े और छोटे सभी निवेशक पैसे लगाकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। वहीं दूसरी तरफ नए लोगों के लिए इसके जरिए कमाई कर पाना काफी मुश्किल होता है। कुछ शेयर धारक तो इसमें निवेश करने के बाद कंगाल भी हो जाते हैं। दरअसल ऐसा तब होता है जब कोई कंपनियां घाटे में जाती है। वहीं दूसरी तरफ पहले से मौजूद शेयर धारक स्टॉक्स को अपने पास होल्ड कर रखते हैं। सही समय आने पर ही वे इसके जरिए मुनाफा कमा पाते हैं। इसमें निवेश करने से पहले स्टॉक स्प्लिट के बारे में जरूर जान जानें।
स्टॉक स्प्लिट क्या होता है
स्टॉक स्प्लिट एक बहुत ही आसान टर्म है। आमतौर पर शेयर होल्डर्स अपने पास अलग-अलग स्टॉक्स रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ कंपनियां विपरीत समय आने पर शेयर्स की कीमत कम करना शुरू कर देती है। इसके बाद नए निवेशक स्टॉक खरीदते हैं। वहीं दूसरी तरफ पुराने शेयरधारकों को इससे नुकसान नहीं हो इसी के लिए स्टॉक स्प्लिट का इस्तेमाल होता है। इसके जरिए पुराने शेरहोल्डर्स को इसकी कीमत में कमी आने के बावजूद भी घाटे में नहीं जाते हैं।
शेयर धारक कैसे ले सकते हैं स्टॉक स्प्लिट का लाभ
पुराने शेरहोल्डर्स जिनके पास पहले से स्टॉक मौजूद हो उन्हें एक निश्चित मात्रा में कंपनियां शेयर्स आवंटित करती है। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब इसकी कीमत कम होती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पुराने शेरहोल्डर्स को लाभ कैसे होगा? दरअसल जैसे ही इसकी कीमत में कटौती होती है नए निवेशक इसे खरीदना शुरू कर देते हैं। इसका प्रभाव पुराने शेरहोल्डर्स पर नहीं होता है। इसके बाद स्टोक्स की कीमत बढ़ने पर दोनों लोग मुनाफा कमा लेते हैं।
स्टॉक स्प्लिट के लिए कौन होते हैं योग्य
प्रति शेयर की कीमत कम होने के बाद स्टॉक स्प्लिट के लिए कौन लोग योग्य हैं, इसका निर्धारण केवल कंपनियां ही करती है। इसके लिए वे लोग योग्य होते हैं जिन्होंने इसे एक या फिर 2 दिन पहले खरीदा हो। यानी स्प्लिट होने वाले दिन जो लोग भी शेयर को खरीदेंगे उन्हें उसका लाभ नहीं मिलेगा। सिर्फ इतना ही नहीं मुनाफे में जाने के बाद कई बार कंपनियां रिवर्स स्प्लिट का इस्तेमाल कर स्टॉक को वापस ले भी सकती है।
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