ELSS Funds: म्यूचुअल फंड को व्यापक बनाने के लिए इसे कई अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। स्मॉल कैप, मिड कैप, लार्ज कैप, मल्टी कैप, थीमैटिक, फोकस्ड, ईएलएसएस- ये सभी म्यूचुअल फंड की अलग-अलग कैटेगरी हैं। आज हम यहां ईएलएसएस म्यूचुअल फंड्स के बारे में जानेंगे, जिसके कई बेहतरीन फायदे बताए जाते हैं।
ईएलएसएस फंड्स में होता है 3 साल का लॉक-इन पीरियड
ईएलएसएस यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, एक टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड है। ईएलएसएस फंड्स में निवेशकों को इक्विटी इंवेस्टमेंट के बेनिफिट्स के साथ-साथ इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है। हालांकि, ईएलएसएस फंड्स 3 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं। यानी इन फंड्स में किए जाने वाले निवेश को 3 साल से पहले नहीं निकाला जा सकता।
अलग-अलग सेक्टर्स की कंपनियों में लगता है पैसा
म्यूचुअल फंड हाउस, ईएलएसएस फंड्स में किए जाने वाले निवेश का 80 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में निवेश करते हैं। ईएलएसएस फंड्स में लगाया जाने वाला पैसा अलग-अलग सेक्टरों से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है, ताकि जोखिम को कम किया जा सके।
ईएलएसएस के जरिए हर साल बचा सकते हैं 46,800 रुपये तक का टैक्स
इक्विटी के आकर्षक रिटर्न और टैक्स सेविंग्स जैसे गजब के फीचर्स की वजह से ये फंड स्कीम निवेशकों के बीच काफी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। ईएलएसएस फंड्स में किए जाने वाले 1.5 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। जिससे आप एक साल में 46,800 रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं।
1 लाख रुपये से कम रिटर्न पर 0 टैक्स
म्यूचुअल फंड में निवेश से मिलने वाला रिटर्न, कैपिटल गेन्स टैक्स के तहत आता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (अगर एक साल के अंदर निवेश का पैसा निकाला जाए) में आपको 20 प्रतिशत का टैक्स चुकाना होगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (1 साल से ऊपर 1.25 रुपये के रिटर्न पर) पर 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा। लेकिन ईएलएसएस में अगर आपका कुल रिटर्न 1 लाख रुपये से कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
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