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Mutual Fund SIP से कमाना है बंपर रिटर्न तो जान लें ये 11 टिप्स, मिलेगा शानदार मुनाफा

एसआईपी शुरू करने से पहले फाइनेंशियल गोल फिक्स करें। फाइनेंशियल लक्ष्य निर्धारित करना एक निवेशक के लिए उनकी यात्रा में एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है।

म्यूचुअल फंड- India TV Paisa Image Source : PIXABAY म्यूचुअल फंड

Mutual Fund SIP : देश में इस समय म्यूचुअल फंड काफी पॉपुलर निवेश विकल्प बन गया है। एसआईपी के जरिए इसमें निवेश करना काफी आसान हो जाता है। एसआईपी में हर महीने एक निश्चित रकम म्युचुअल फंड में डालनी होती है। इससे निवेशक पर बड़ा बोझ नहीं पड़ता है। म्यूचुअल फंड एसआईपी में एनुअल स्टेप अप का भी विकल्प होता है। इसमें निवेशक हर साल अपनी एसआईपी की रकम में तय प्रतिशत का इजाफा करता है। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनसे आप म्यूचुअल फंड में अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं। आइए जानते हैं।

 

  • किसी भी म्यूचुअल फंड में सिप शुरू करने से पहले फंड के ऐतिहासिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करें। लंबे समय तक लगातार अच्छे प्रदर्शन करने वाले फंड में ही निवेश करें। 
  • कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड का ही चुनाव करें। 
  • फंड मैनेजर का अनुभव और विशेषज्ञता फंड के प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। इसलिए फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर चेक करें। 
  • सुनिश्चित करें कि फंड जोखिमों को कम करने के लिए सही तरीके से उसका डायवर्सिफिकेशन किया गया है।
  • अनुशासित तरीके से निवेश करने की आदत डालें। लंबी अवधि में वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है।
  • एसआईपी शुरू करने से पहले फाइनेंशियल गोल फिक्स करें। फाइनेंशियल लक्ष्य निर्धारित करना एक निवेशक के लिए उनकी यात्रा में एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है। 
  • जोखिम और वित्तीय लक्ष्यों में फिट बैठने वाले सही म्यूचुअल फंड चुनना काफी महत्वपूर्ण होता है। अलग-अलग फंडों में जोखिम के अलग-अलग स्तर होते हैं। इसलिए सही फंड का चुनाव करना जरूरी है। 
  • अनुशासित निवेश के लिए ऑटो-डेबिट मोड का उपयोग करें जिसमें निर्धारित तिथि पर एसआईपी राशि बैंक खाते से काट ली जाती है।
  • एसआईपी शुरू करने के बाद भी बीच-बीच में अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलन करें। यह ज्यादा रिटर्न दिलाने में मदद करेगा। 
  • बाजार की अस्थिरता और उतार-चढ़ाव में निवेशक भावना में बह कर फैसला ले लेते हैं। इसलिए भावनात्मक निवेश से बचें। बाज़ार के माहौल की परवाह किए निवेशित रहना ज्यादा फायदेमंद है। 
  • आय बढ़ने के साथ एसआईपी की रकम को बढ़ाएं। यह बड़ा फंड बनाने में मदद करता है।

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