आप यूपीआई के जरिये पेमेंट करते आ रहे हैं। लेकिन नए साल में यूपीआआई पेमेंट से जुड़े कुछ नए नियम आए हैं जिससे इसके इस्तेमाल करने का एक्सपीरियंस पहले से अलग है। ऑनलाइन बैंकिंग और पेमेंट ट्रांजैक्शन के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) नियमों में कुछ खास बदलाव किए गए हैं। IANS की खबर के मुताबिक,साथ ही साथ आरबीआई पेमेंट पाने वाले नए रिसीवर को 2,000 रुपये से ज्यादा का पहला पेमेंट करने वाले यूजर्स के लिए 4 घंटे की टाइम लिमिट का भी प्रस्ताव करता है।
सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई
खबर के मुताबिक, एनपीसीआई ने अपने बीटा फेज में 'सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई' लॉन्च करने की भी घोषणा कर दी है। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक ने सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआईसुविधा के हिस्से के रूप में एनपीसीआई के यूपीआई पेमेंट ऐप के जरिये ट्रांजैक्शन एग्जिक्यूट किया है। इसमें निवेशक अपने बैंक अकाउंट में धनराशि को ब्लॉक कर सकते हैं, जिसे सिर्फ निपटान के दौरान व्यापार की पुष्टि पर क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा डेबिट किया जाएगा। इस बीटा लॉन्च को ग्रो द्वारा ब्रोकरेज ऐप के रूप में, भीम, ग्रो और यस पे नेक्स्ट को यूपीआई ऐप के रूप में सुविधा प्रदान की गई है। सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई की सुविधा का लाभ शुरू में एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक उठा सकेंगे।
देश भर में यूपीआई एटीएम शुरू करने पर भी विचार
दूसरे स्टेकहोल्डर की बात करें तो ज़ेरोधा जैसे स्टॉकब्रोकर, एक्सिस बैंक और यस बैंक जैसे ग्राहक बैंक, और Paytm और PhonePe जैसे UPI-सक्षम ऐप शामिल हैं, फिलहाल सर्टिफिकेशन फेज में हैं। ये इसके लिए तैयार हैं। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए UPI लेनदेन की सीमा भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। आरबीआई देश भर में यूपीआई एटीएम शुरू करने पर भी विचार कर रहा है। इस एटीएम में क्यूआर कोड को स्कैन करके कैश निकालने की परमिशन होगी।
हिताची पेमेंट सर्विसेज ने एनपीसीआई के सहयोग से व्हाइट लेबल एटीएम के रूप में 'देश का पहला यूपीआई-एटीएम' पेश किया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पेमेंट ऐप्स को उन निष्क्रिय यूपीआई आईडी को डिएक्टिवेट करने का निर्देश दिया है जो एक साल से ज्यादा समय से एक्टिव नहीं हैं।
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