यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई के बढ़ते ट्राजैक्शन (UPI transaction) ने बीते तीन साल में डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन (debit card transaction) की रफ्तार को कम कर दिया है। ऐसा लेटेस्ट आंकड़ों से पता चलता है। कोविड-19 महामारी के बाद बढ़ते डिजिटल ट्रांजैक्शन ने डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में काफी गिरावट ला दी है। आज यूपीआई सबसे पॉपुलर डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बन चुका है। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, जानकारों का कहना है कि यूपीआई से होने वाले छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन की सुविधा के चलते डेबिट कार्ड की ग्रोथ पर असर देखने को मिला.
कितना है अंतर समझ लीजिए
भारतीय रिजर्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2020 में डेबिट कार्ड (Debit Card) से कुल खर्च 2.81 ट्रिलियन था, जो कि जुलाई 2023 में बढ़कर 3.15 ट्रिलियन हो गया। यानी इसमें 11.96 प्रतिशत की तेजी रही। जबकि इसी अवधि के दौरान यूपीआई (UPI) से खर्च में 428 प्रतिशत की रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, यह आंकड़ा तीन साल में 2.90 ट्रिलियन से बढ़कर 15.33 ट्रिलियन पर जा पहुंचा है।
मंथली यूपीआई 15 खरब रुपये से भी ज्यादा
खबर के मुताबिक, बीते अगस्त में यूपीआई से होने वाले ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 10 अरब रुपये पहुंच गया जो अब तक किसी एक महीने में सबसे ज्यादा है। वैल्यू टर्म में मंथली यूपीआई 15 खरब रुपये से भी ज्यादा हो गया। इसी तरह, जुलाई 2020 में जहां बैंकों ने 852.35 मिलियन डेबिट कार्ड (debit card transaction) जारी किए। तीन साल बाद यह बढ़कर 970.74 मिलियन पर पहुंच गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी बढ़ोतरी प्रधानमंत्री जनधन योजना के चलते हुई, जिसमें लोगों को उनके बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट ओपन करने के समय डेबिट कार्ड दिए गए।
क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में तेजी
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक,यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI vs Debit Card) की ग्रोथ लगातार जारी है. एक एक्सपर्ट का कहना है कि जिस हिसाब से यूपीआई का इस्तेमाल (UPI transaction) बढ़ा है, इसमें कोई शक नहीं कि यह आंकड़ा अगले 18-24 महीने में हर महीने 20 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन पर पहुंच जाएगा। इस बीच क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन या खर्च अच्छी स्थिति में है और यह जुलाई 2023 में रिकॉर्ड 1.45 ट्रिलियन पर पहुंच गया, जबकि जुलाई 2020 में यह आंकड़ा महज 0.45 ट्रिलियन था।
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