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Hindi News पैसा मेरा पैसा इस म्यूचुअल फंड स्कीम ने ₹10,000 की SIP से बनाया 1.12 करोड़, क्या आपने निवेश किया?

इस म्यूचुअल फंड स्कीम ने ₹10,000 की SIP से बनाया 1.12 करोड़, क्या आपने निवेश किया?

हालांकि, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि ये ऐतिहासिक रिटर्न हैं और कोई भी निवेश निर्णय केवल पिछले रिटर्न के आधार पर नहीं लिया जाना चाहिए।

Mutual Fund- India TV Paisa Image Source : FILE म्यूचुअल फंड

अगर आप निवेश के मामले में नए हैं, तो आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि लंबी अवधि में धन कमाने की कुंजी कंपाउंडिंग है।  इसका मतलब है कि अगर आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते हैं और लंबे समय तक निवेशित रहते हैं, तो आपको मिलने वाला रिटर्न, एकमुश्त निवेश करके मिलने वाले रिटर्न से कहीं ज्यादा होगा। यहां हम बता रहे हैं कि जब कोई म्यूचुअल फंड स्कीम सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करती है, तो उसे कितना ज्यादा रिटर्न मिलता है। हम आज म्यूचुअल फंड स्कीम- सुंदरम फोकस्ड फंड को चुना और नवंबर 2005 में लॉन्च हुआ। तब से इस फंड ने शानदार रिटर्न दिया है। 

इस तरह निवेशकों को मिला शानदार रिटर्न 

अगर आपने पिछले एक साल में सुंदरम फोकस्ड फंड में एसआईपी के जरिए हर महीने 10,000 रुपये का निवेश किया होता, तो यह 1.20 लाख रुपये के निवेश से बढ़कर 1.44 लाख रुपये हो जाता। यानी पिछले एक साल में 40.50 फीसदी का रिटर्न मिलता। अगर यही निवेश लगातार तीन साल तक किया जाता, तो 3.6 लाख रुपये का निवेश करके यह 5.13 लाख रुपये हो जाता। यानी 24.45 फीसदी का रिटर्न मिलता। इसी तरह, अगर निवेश पांच साल के लिए किया जाता, तो 6 लाख रुपये के कुल निवेश से 10.71 लाख रुपये का रिटर्न मिलता। यानी सालाना 23.38 फीसदी का रिटर्न। इसी प्रकार, यदि इस म्यूचुअल फंड में शुरुआत से ही एसआईपी के माध्यम से ₹10,000 का नियमित निवेश किया जाता, तो इसने कुल ₹1.1198 करोड़ का रिटर्न दिया होता। इस प्रकार 18 वर्ष और 11 महीने में 15.14 प्रतिशत का चक्रवृद्धि रिटर्न मिलता।

निवेश से पहले सलाह जरूर लें 

यह एक फोकस्ड म्यूचुअल फंड है जिसे 11 नवंबर, 2005 को लॉन्च किया गया था। इस योजना ने बैंकों (21.3%), रिटेल (11.2%), विद्युत उपकरण (8.1%), फार्मा (7.4%), दूरसंचार (7.2%), आईटी (7.1%), पेट्रोलियम उत्पादों (6.3%), एयरोस्पेस (5.2%), निर्माण (4.9%) और वित्त (4.6%) में निवेश किया है। हालांकि, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि ये ऐतिहासिक रिटर्न हैं और कोई भी निवेश निर्णय केवल पिछले रिटर्न के आधार पर नहीं लिया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले रिटर्न निकट भविष्य में जारी रह सकते हैं या नहीं भी रह सकते हैं।

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