10 साल की उम्र तक की बच्चियों के लिए भारत सरकार की एक पॉपुलर सेविंग स्कीम है सुकन्या समृद्धि योजना। यह स्कीम बेटियों के फ्यूचर के लिए वरदान से कम नहीं है। इसमें उनकी शिक्षा और शादी-ब्याह जैसी जिम्मेदारियों को पूरा करने में माता-पिता या अभिभावक को बड़ी मदद मिलती है। खास बात यह है कि सरकार ने इस स्कीम पर 1 जनवरी से 31 मार्च वाली तिमाही के लिए इस स्कीम में निवेश पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है जो आज से लागू हो रही है।
कौन कर सकता है निवेश
भारत सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना में 10 साल तक की उम्र की बेटियों के माता-पिता या अभिभावक निवेश कर सकते हैं। भारत में एक बालिका के नाम पर पोस्ट ऑफिस या किसी भी बैंक में सिर्फ एक ही अकाउंट खोला जा सकता है। पोस्ट ऑफिस की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, यह अकाउंट एक परिवार की अधिकतम दो लड़कियों के लिए खोला जा सकता है। बशर्ते जुड़वा/तीन लड़कियों के जन्म से जुड़े मामले में दो से ज्यादा अकाउंट खोले जा सकते हैं।
कितनी है ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोले गए सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट में 1 जनवरी से 8.20 प्रतिशत सालाना ब्याज दर लागू हो गया है। यानी पहले के मुकाबले ज्यादा रिटर्न के लिए आप निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
निवेश रकम की लिमिट
सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट में कम से कम 250 रुपये और मैक्सिमम 1.50 लाख रुपये सालाना जमा किया जा सकता है। आप चाहें तो एकमुश्त जमा कर सकते हैं या हर महीने किस्त के तौर पर भी जमा कर सकते हैं। इसमें अकाउंट ओपन होने की तारीख से मैक्सिमम 15 साल तक जमा कर सकते हैं। अगर साल में कम से कम 250 रुपये भी इस अकाउंट में जमा नहीं किया जाता है तो इस अकाउंट को डिफॉल्ट अकाउंट करार दिया जाता है।
माता-पिता को मिलता टैक्स छूट का फायदा
अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट में निवेश करते हैं तो आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट की भी सुविधा मिलती है। इस स्कीम पर ब्याज तिमाही आधार पर वित्त मंत्रालय तय करता है। बेटी के वयस्क होने तक अकाउंट अभिभावक या माता-पिता द्वारा संचालित किया जाएगा। अकाउंट से पैसे की निकासी बेटी के 10वीं पास होने या 18 साल पूरा होने पर हो सकती है। अकाउंट ओपनिंग की तारीख से 21 साल पूरा होने पर अकाउंट क्लोज कराया जा सकता है।
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