Secured vs Unsecured Loan लोन को लेकर बहस काफी लंबी है। जब भी किसी व्यक्ति को लोन लेना होता है तो इन्हीं दो विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करना होता है। लेकिन लोन लेने को लेकर कोई भी फैसला लेने से पहले हमें सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन को अच्छे से समझ लेना चाहिए।
सिक्योर्ड लोन
वे लोन होते हैं जो कि कुछ गिरवी (एफडी, वाहन और फिक्स्ड डिपॉजिट) रखकर लिए जाते हैं। इन लोन की खासियत यह होती हैं कि अगर लोन लेने वाले समय पर किस्त का भुगतान नहीं करता है तो बैंक उसकी गिरवी संपत्ति को बेचकर अपने लोन की रिकवरी कर लेते हैं। सिक्योर्ड लोन में होम लोन, कार लोन और गोल्ड लोन आदि को शामिल किया जाता है।
सिक्योर्ड लोन के फायदे और नुकसान
- सिक्योर्ड लोन हमेशा अधिक राशि लेने पर सही रहते हैं। इसकी वजह है कि कुछ गिरवी रखने पर बैंक को लगता है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति ईएमआई नहीं दे पाएगा, तो वह उसकी संपत्ति को बेचकर लोन की बकाया राशि को रिकवर कर सकते हैं।
- सिक्योर्ड लोन लेन पर ब्याज दर कम होती है।
- सिक्योर्ड लोन में रीपेमेंट अवधि अनसिक्योर्ड के मुकाबले अधिक होती है।
- सिक्योर्ड लोन में कुछ गिरवी रखने के कारण लोन आसानी से एप्रूव हो जाता है।
- सिक्योर्ड लोन का अगर आप समय पर भुगतान कर देते हैं तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ सकता है।
- इसमें ईएमआई न चुकाने पर संपत्ति पर बैंक कब्जा कर लेते हैं।
अनसिक्योर्ड लोन
वे लोन होते हैं। जहां लोन लेने पर आपको किसी भी प्रकार की संपत्ति को गिरवी नहीं रखना पड़ता है। इन्हें अधिक जोखिम वाला लोन माना जाता है। अनसिक्योर्ड लोन में पर्सनल लोन आदि को शामिल किया जाता है।
अनसिक्योर्ड लोन के फायदे और नुकसान
- अनसिक्योर्ड लोन लेने के लिए किसी प्रकार की संपत्ति की आवश्यकता नहीं होती है।
- अनसिक्योर्ड लोन जल्द एप्रूव हो जाते हैं।
- अनसिक्योर्ड लोन में लोन राशि काफी कम होती है।
- इसमें ब्याज दर काफी अधिक होती है।
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