हाल के दिनों में बहुत सारे लोगों ने इंक्रीमेंट होने के बाद नौकरी बदली है। नई नौकरी मिलने से उनकी सैलरी में 30% से लेकर 40% तक की बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपनी होम लोन को प्रीमेंट कर पहले चुका दें या एसआईपी की रकम बढ़ा लें। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो हम आपके इस उलझन का हल बता रहे हैं कि क्या करना सही होगा?
जानिए क्या करना फायदेमंद
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी की सैलरी बढ़ गई है तो उसके लिए एसआईपी बढ़ानी सही होगा, क्योंकि एसआईपी के जरिये शेयर में पैसा निवेश होता है। लंबे समय में, इक्विटी उसके होम लोन पर चुकाए जा रहे ब्याज से कहीं अधिक रिटर्न देगा। इसके अलावा, अगर वह पहले होम लोन चुकाने का विकल्प चुनता है तो उसे कुल मिलाकर नुकसान होगा। ऐसा 10 साल में दिखेगा, होम लोन समय से पहले चुकाने के फैसले से व्यक्ति की नेटवर्थ कम हो जाएगी। अगर वह एसआईपी बढ़ाते हैं तो उनकी नेटवर्थ ज्यादा होगी।
क्यों होम लोन पहले चुकाना नुकसान का सौदा?
जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में अधिकांश होम बायर्स अपने होम लोन पर 9% की दर से ब्याज चुका रहा है। वहीं अगर वह म्यूचुअल फंड की नियमित योजनाओं में 12% और डायरेक्ट प्लान में लंबी अविध के लिए निवेश करता है तो उसे 13.5% की दर से रिटर्न मिलगा। यानी होम लोन के मुकाबले उसे म्यूचुअल फंड में रिटर्न मिलेगा। इसलिए एसआईपी बढ़ाना फायदे का सौदा होता है।
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