नयी दिल्ली। पेंशन फंड एनपीएस बीते एक दशक में निवेश का एक खास जरिया बन गया है।लोग टैक्स सेविंग के साथ ही अपने स्थाई भविष्य के लिए भी एनपीएस में निवेश कर रहे हैं। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) ने पिछले 12 साल के दौरान लोगों को अच्छा रिटर्न दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति या अंशधारक को इस उत्पाद से अधिकतम लाभ हासिल करने के लिए इसमें निवेश जल्दी शुरू करना चाहिए।
बंदोपाध्याय ने सोमवार को यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीमा एवं पेंशन शिखर सम्मेलन ‘भारतीय बीमा क्षेत्र-बदलाव की लहर पर सवार’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पिछले 12 साल के दौरान इक्विटी योजनाओं के तहत रिटर्न या प्रतिफल 12 प्रतिशत से अधिक रहा है और सरकारी प्रतिभूतियों में यह 9.9 प्रतिशत रहा है। कॉरपोरेट बांड में यह कुछ ऋण से जुड़े घटनाक्रमों के बावजूद सालाना आधार पर 9.59 प्रतिशत रहा है। हमारी पेंशन कोष संपत्तियां काफी हद तक इन घटनाक्रमों से बची रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास कुल 6,850 अरब रुपये का कोष है। रिटर्न काफी अच्छा रहा है। बंदोपाध्याय कहा कि एनपीएस काफी लचीला रुख अपनाने का विकल्प देता है। ‘‘लेकिन किसी भी व्यक्ति को इसमें जल्दी निवेश शुरू करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इसमें लचीलापन इसलिए है क्योंकि आपको सिर्फ 1,000 रुपये का भुगतान करना होता है। इसमें कोई निश्चित अंशदान तय नहीं है। आप धनशोधन रोधक कानून (पीएमएलए) का अनुपालन करते हुए अपनी सभी ज्ञात स्रोतों से आय के अनुरूप इसमें किसी भी स्तर तक योगदान कर सकते हैं।’’
बंदोपाध्याय ने कहा कि भारत को पेंशन वाला समाज बनाने के लिए अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा), पीएफआरडीए और सीआईआई को मिलकर देश में पेंशन के प्रति जागरूकता के प्रसार के लिए मंच बनाना चाहिए। पीएफआरडीए दो पेंशन योजनाएं एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) उपलब्ध करता है।
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