देश में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़े इसके गवाह हैं। सरकार ने सोमवार को लोकसभा को जानकारी देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में 7.40 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किया। इनमें से शून्य टैक्स देनदारी वाले रिटर्न की संख्या 5.16 करोड़ थी। भाषा की खबर के मुताबिक, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले पांच सालों में दाखिल आयकर रिटर्न की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
लगातार बढ़ोतरी का रुझान
खबर के मुताबिक, मंत्री के जवाब के मुताबिक आईटीआर दाखिल करने वालों की संख्या वित्तीय वर्ष 2018-19 के 6.28 करोड़ के आंकड़े से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6.47 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6.72 करोड़ हो गई। चौधरी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में दाखिल किए गए आईटीआर की संख्या बढ़कर 6.94 करोड़ से ज्यादा हो गई और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.40 करोड़ से ज्यादा हो गई। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों के दौरान जीरो टैक्स देनदारी वाले आईटी रिटर्न की संख्या वित्त वर्ष 2019-20 के 2.90 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 5.16 करोड़ हो गई है।
फिलहाल 7 तरह के फॉर्म
आयकर कानूनों के मुताबिक, 60 साल से कम, 60 से 80 साल के बीच और 80 साल से ऊपर के टैक्सपेयर्स के लिए मूल छूट सीमा क्रमशः 2.5 लाख रुपये, 3 लाख रुपये और 5 लाख रुपये है। इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर के फिलहाल 7 तरह के फॉर्म मौजूद हैं। कंपनी या फिर व्यक्ति को आईटीआर फाइल करने की एक निश्चित तारीख तय होती है। सैलरी क्लास या सामान्य कैटेगरी के टैक्सपैयर्स के लिए आईटीआर फाइल करने के लिए आमतौर पर हर साल 31 जुलाई की तारीख तय है। वैसे किसी खास परिस्थितियों में सरकार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख में बढ़ोतरी कर सकती है।
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