Mutual fund स्कीम में निवेश से पहले इन 5 बातों को जान लें, नहीं तो हो जाएगा नुकसान
अगर आप Mutual Fund में निवेश करते हैं तो निवेश को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए। पहले आपको तय करना होगा कि निवेश का मकसद क्या है, कितने समय के लिए और कितना निवेश करना है।
छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड एक अच्छा निवेश माध्यम बन गया है। कोरोना महामारी के बाद इसमें निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज करोड़ों निवेश SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। म्चूचुअल फंड स्कीम में मिल रहा तगड़ा रिटर्न निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी म्यूचुअल फंड स्कीम शानदार रिटर्न दे रहे हैं। कई ने नुकसान भी कराया है। इसलिए किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश से पहले कुछ बातों को जानना जरूरी है। ऐसा कर आप सही फंड का चुनाव कर पाएंगे। साथ ही अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न पा सकेंगे।
स्कीम के जोखिम को जानें
किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश से पहले, यह जानें कि यह कौन सा फंड है? म्यूचुअल फंड स्कीम, लॉर्ज कैप, मिड कैप या स्मॉल कैप श्रेणी में होता है। इसके साथ ही यह पता करें कि आपका पैसा किस स्टॉक में लगाया जा रहा है। अगर मिड-कैप और स्मॉल-कैप में पैसा को निवेश किया जा रहा है तो जोखिम अधिक होता है। अपनी रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार स्कीम का चयन करें। निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फंड मैनेजर स्कीम के पैसे को लो-क्रेडिट इंस्ट्रूमेंट में तो आवंटित नहीं कर रहा है।
एक्सपेंस रेशियो और दूसरे चार्ज को पता करें
मिडकैप, लार्ज-कैप, डेट या हाइब्रिड जैसे अपनी पसंद के सेगमेंट से चार या पांच फंड चुनें और फिर फंड के एक्सपेंस रेशियो की तुलना करें। इसके अलावा, अगर आप फंड निकालते हैं तो फंड हाउस आपसे वन टाइम सेल के वक्त कितना कमीशन लेता है।
फंड का पिछला प्रदर्शन देखें
किसी भी म्यूचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन इस बात की कोई गारंटी नहीं होता है कि वह फंड भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा। फंड के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, आप निश्चित रूप से इसके रिकॉर्ड को दूसरी स्कीम से कम्पेयर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई फंड जिसने साल-दर-साल इंडेक्स को पीछे छोड़ा है, वह बेहतर दांव हो सकता है।
एक्सपीरियंस फंड मैनेजर चुनें
किसी फंड को चुनने का एक मानदंड यह जानना है कि फंड का प्रबंधन कौन कर रहा है। निवेशक आमतौर पर उन फंडों पर दांव लगाते हैं जिनका प्रबंधन उन फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है जिन्होंने पहले बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशकों के पैसे का प्रबंधन करने की क्षमता दिखाई है और उथल-पुथल वाले बाजारों के दौरान भी अनुशासन दिखाया है। सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
फंड की समीक्षा करें
एक निवेशक के रूप में, आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे में स्पष्ट होना चाहिए। हमेशा एक ऐसे फंड का चयन करने के बारे में सोचें जो आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, अगर लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना है तो डेट फंड निवेश से बचना चाहिए। इसी तरह, अल्पावधि में, मान लीजिए कि आपको अगले तीन वर्षों में भुगतान करना है, तो इक्विटी फंड लेने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करते हुए फंड तैयार करना चाहते हैं तो आप इक्विटी फंड में SIP के जरिए इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।