ITR फाइल करने में बचे हैं सिर्फ 5 दिन, ये 6 बातें आपके लिए जानना है जरूरी
ITR: अगर आपको सैलरी या पेंशन मिलती है या हाउस प्रॉपर्टी से इनकम हो रही है तो आपके लिए आईटीआर- 1 सहज फॉर्म है।
Highlights
- आईटीआर फाइल करने सबसे अहम बात है कि आप अपने लिए सही फॉर्म चुनें
- टीडीएस काटा गया है तो आप टीडीएस सर्टिफिकेट जरूर हासिल कर लें
- सैलरी या पेंशन से इनकम तो आपके लिए आईटीआर- 1 सहज फॉर्म है
ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करने के लिए सिर्फ 5 दिन बचे है। इस बार सरकार ने पहले ही कह दिया है कि वो आईटीआर भरने की डेडलाइन 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाएगी। ऐसे में अगर आपने अभी तक रिटर्न नहीं भरा है तो अब देर मत कीजिए। अपना रिटर्न जल्द से जल्द फाइल कर दें। हम आपको बता रहे हैं कि आपके लिए इनकम टैक्स फाइल करना में किन बातों का ख्याल रखें। साथ ही यह बता रहे हैं कि रिटर्न फाइल करना क्यों जरूरी है और इससे आपको क्या फायदे होंगे।
1. किसको फाइल करना चाहिए आईटीआर
अगर आपकी इनकम Taxable है तो आपको ITR फाइल करना चाहिए। 2.50 लाख रुपये से अधिक की कोई भी इनकम टैक्सेबल है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपकी नियोक्ता कंपनी ने जरूरी टैक्स काट कर आपकी तरफ से सरकार के पास जमा करा दिया है और आपको रिटर्न फाइल करने की जरूरत है।
2. आपके लिए है कौन सा आईटीआर फॉर्म
अगर आपको सैलरी या पेंशन मिलती है या हाउस प्रॉपर्टी से इनकम हो रही है तो आपके लिए आईटीआर- 1 सहज फॉर्म है। इंडीविजुअल या हिंदू अविभाजित परिवार जिसको सेलरी, पेंशन या हाउस प्रॉपटी से इनकम हो रही है। कैपिटल गेन्स या अन्य स्रोत से इनकम हुई है तो ऐसे लोगों के लिए आईटीआर फॉर्म - 2 है। इन चीजों के साथ अगर किसी के पास विदेश में संपत्ति नहीं है तो उसके लिए आईटीआर- 2A फॉर्म है। ऐसे इंडीविजुअल या हिंदू अविभाजित परिवार जो एक कंपनी में पार्टनर हैं और किसी प्रोपरॉयटरशिप के तहत बिजनेस या प्रोफेशन से जुड़ी गतिविधियां नहीं कर रहे हैं उनके लिए आईटीआर- 3 फॉर्म है। ऐसे इंडीविजुअल जिनको प्रोपरायटरी बिजनेस या प्रोफेशन से आय हो रही है उनके लिए आईटीआर फॉर्म - 4 है। आईटीआर -4 एस या सुगम फॉर्म ऐसे इंडीविजुअल या हिंदू अविभाजित परिवारों या पार्टनरशिप कंपनियों के लिए है जिनको प्रिजंपटिव बिजनेस से आय हो रही है।
3. आईटीआर में किन डॉक्युमेंट़स की है जरूरत
अगर आप नौकरी कर रहे हैं तो आपके इम्प्लॉयर ने आपको फॉर्म -16 दिया होगा। इस फॉर्म से काटे गए टैक्स और आपकी इनकम का पता चलता है। इसके बिना आईटीआर भरना मुश्किल होगा। अगर आपके पास फॉर्म-16 नहीं है तो आप सैलरी स्लिप के जरिए भी आईटीआर भर सकते हैं। इसमें भी हर माह काटे गए टीडीएस की जानकारी रहती है। सैलरी के अलावा अगर आपको दूसरे स्रोत से आय हुई और इस पर टीडीएस काटा गया है तो आप टीडीएस सर्टिफिकेट जरूर हासिल कर लें। इसके अलावा आपके पास पैन नंबर और आधार कार्ड जरूर होने चाहिए।
4. आईटीआर फाइल करते समय इन गलतियों से बचे
आईटीआर फाइल करने सबसे अहम बात है कि आप अपने लिए सही फॉर्म चुनें। इसके बाद आम तौर पर लोग पैन नंबर, एड्रेस और बैंक अकाउंट की डिटेल देने में गलतियां करते हैं। इन डिटेल्स को भरते समय अलर्ट रहें। इसके अलावा जरूरी है कि रिटर्न भरते समय हर तरह की इनकम रिपोर्ट करें और रिटर्न को वेरिफार्इ करना न भूलें।
5. क्या हो सकती हैं दिक्कतें
अगर आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आप को बैंक से लोन ओर क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा अगर आप को आईटीआर फाइल करना है और आप ने ऐसा नहीं किया है तो टैक्स ऑफिसर 5,000 रुपए का जुर्माना लगा सकता है। इसके साथ ही अगर आप पर टैक्स बनता है तब भी आपने आईटीआर फाइल नहीं किया है तो आपको टैक्स से बचने के लिए अन्य जुर्माने के साथ अतिरिक़्त इंटरेस्ट का भुगतान करना पड़ सकता है।
6. आईटीआर फाइल से क्या होंगे फायदे
आम तौर पर टैक्सेबल इनकम के स्लैब में आने वाले लोग ही आईटीआर फाइल करते हैं। हालांकि, टैक्सेबल इनकम के स्लैब में न आने पर भी आईटीआर फाइल करना चाहिए। अगर आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है और आप रिटर्न फाइल करते है तो बैंक से लोन या वीजा मिलने में आसानी होगी। अगर आपको किसी भी सोर्स से हुई इनकम पर टीडीएस काटा गया है तो आप आईटीआर फाइल कर ही इसे क्लेम कर सकते हैं। आईटीआर किसी भी व्यक्ति का इनकम प्रूफ बताने का सबसे बेहतर लीगल डाक्यूमेंट्स है। आईटीआर को सभी फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट मानते हैं।