पैसिव फंड में तेजी से एक्टिव हो रहे निवेशक, रिटर्न के इस विकल्प की भारत से अमेरिका तक है दीवानगी
Passive Funds: निवेश की दुनिया में हर रोज कुछ ना कुछ नया आम निवेशक के सामने आता रहता है। इन दिनों पैसिव फंड में पैसा लगाने की चर्चा काफी हो रही है। बड़े निवेशक पैसा लगाना भी शुरू कर दिए हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
Passive Funds: म्यूचुअल फंड इन दिनों निवेश करने का एक बेहतर विकल्प बन गया है। लोग अपनी क्षमता के अनुसार मंथली या एकमुश्त पैसा इंवेस्ट कर दे रहे हैं। इसमें किसी बैंक में की गई FD की तुलना में रिटर्न भी अधिक मिलता है। और आपका पैसा कितना बढ़ रहा है इसे आप ऐप पर आसानी से देख भी रहे होते हैं। स्टॉक मार्केट में थोड़ा रिस्क होता है, लेकिन बाजार की तुलना में देखा जाए तो म्यूचुअल फंड बेहद कम रिस्की है। इन दिनों पैसिव फंड को लेकर काफी सक्रियता निवेशकों में देखने को मिली है। आइए आज इसके बारे में जानते हैं।
इस रिपोर्ट ने खोली आंख
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के पैसिव फंड्स के प्रमुख प्रतीक ओसवाल ने कहा कि पैसिव फंड अमेरिका में व्यापक रूप से लोकप्रिय है और उसकी बाजार हिस्सेदारी 50% से अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में हमें भारत में भी इसी तरह के रुझान दिखाई देने लगे हैं। लगभग 17% की बाजार हिस्सेदारी के साथ, हमारा मानना है कि आगे पैसिव फंडों के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं। यह सर्वेक्षण भारत में अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण है और यह अंतर्दृष्टि प्रदान करता है कि निवेशक पैसिव फंडों के बारे में कैसे सोचते हैं। यह भारतीय निवेशकों के निवेश निर्णयों के पीछे की विचार प्रक्रिया पर कुछ प्रकाश डालने में भी मदद करता है।
61% निवेशकों ने कम से कम 1 पैसिव फंड में निवेश किया है, जो भारत में पैसिव फंडों के तेजी से बढ़ते चलन को रेखांकित करता है। इस कारण का खुलासा करते हुए कि निवेशक पैसिव फंडों में निवेश करना चुनते हैं, सर्वेक्षण के निष्कर्ष इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि 57% लोग इन फंडों को उनकी कम लागत वाली प्रकृति के कारण पसंद करते हैं, जो इसका सबसे बड़ा कारण है, इसके बाद 56% का मानना है कि इसकी सरलता ये फंड ही उन्हें इनमें निवेश करने के लिए आकर्षित करते हैं और 54% से अधिक निवेशक ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे बाज़ार में रिटर्न देते हैं।
क्या है इस फंड की खासियत?
पैसिव फंड अपने पोर्टफोलियो को बार-बार नहीं बदलते हैं, इसलिए वे समय के साथ अंतर्निहित सुरक्षा की कीमत में वृद्धि से लाभ पाने के लिए स्टॉक खरीदते हैं या रखते हैं। पैसिव फंड का एक उदाहरण निफ्टी बीईएस है, जो निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करता है। पैसिव इंडेक्स फंड और ईटीएफ अपने संबंधित इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और ट्रैक किए गए इंडेक्स के पोर्टफोलियो निर्माण में बदलाव होने तक वही स्टॉक खरीदते हैं या होल्ड करते हैं। चूँकि पैसिव फंडों में अल्पकालिक लाभ के लिए बार-बार स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल नहीं होता है, इसलिए फंड मैनेजमेंट शुल्क आम तौर पर सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों की तुलना में कम होता है।
ये भी पढ़ें: 'मेक इन इंडिया' अभियान को बड़ा बूस्ट, देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 200 करोड़ यूनिट्स के पार निकला