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Mutual fund में करते हैं निवेश, अनजाने में हुई इन गलतियों से आपका भी तो नहीं हो रहा मोटा नुकसान

जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है, उसी अनुपात में गलती करने वाले बढ़े हैं। इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

Mutual Fund- India TV Paisa Image Source : FILE म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करने वाले निवेशक हर रोज तेजी से बढ़ रहे हैं। SIP ने Mutual fund निवेश को आसान बना दिया है। इसके चलते बड़े शहरों के साथ अब छोटे शहर और कस्बों के लोग एमएफ में निवेश कर रहे हैं। मौजूदा समय में बचत से ज्यादा निवेश पर जोर बढ़ा है। इसका फायदा लोगों को मिला है। हालांकि, बहुत सारे लोग जो म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं, छोटी-मोटी गलती कर अपना बड़ा नुकसान भी करा रहे हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन-कौन सी गलती है और कैसे उससे बचकर बड़ा नुकसान बचाया जा सकता है। 

1) वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किए बिना निवेश करना

आपका निवेश हमेशा वित्तीय लक्ष्यों से जुड़ा होना चाहिए। इन लक्ष्यों में आपके बच्चों की शिक्षा और शादी, घर खरीदना, विदेश में छुट्टियां लेना या सेवानिवृत्ति की योजना बनाना शामिल हो सकता है। अगर आपके पास कोई विशिष्ट लक्ष्य नहीं है तो धन सृजन एक वैध उद्देश्य हो सकता है। अगर ऐसा नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है। 

2) वित्तीय लक्ष्यों के बजाय रिटर्न का पीछा करना

बहुत सारे लोग फाइनेंशियल गोल के बजाय हाई रिटर्न को ध्यान में रखकर निवेश करते हैं। बाद में उनको नुकसान उठाना पड़ता है। कभी भी हाई रिटर्न को निवेश का पैमाना नहीं बनाए। हो सकता है कि​ जिस फंड ने बंपर रिटर्न दिया है, वह आगे नहीं दे। इसलिए अपने गोल के मुताबिक निवेश करें। 

3) म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग

बहुत सारे लोग म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश नहीं कर नियमित लाभ बुक करने की कोशिश करते हैं वह इसके लिए अपने यूनिट्स को बार-बार खरीदते और बेचते हैं। इससे कुछ समय के लिए फायदा तो हा जाता है लेकिन लंबी अवधि में यह नुकसान का सौदा है। 

4) एसआईपी को बंद कर देना

जब बाजार में गिरावट आती है तो कई निवेशक घबरा जाते हैं। वे अक्सर आगे गिरावट के डर से अपना निवेश वापस ले लेते हैं और अपनी चल रही व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) को रोक देते हैं। यह गलती नहीं करें। बाजार में तेजी या मंदी रहे, एसआईपी करते रहे। 

5) डायवर्सिफिकेशन नहीं करना 

निवेश करते समय, पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और सोना जैसे एसेट क्लास को शामिल करना चाहिए। अगर आप निवेश के समय डायवर्सिफिकेशन के सिद्धांत का पालन करते हैं, तो आप निश्चित रूप से अपने रिटर्न को अधिकतम कर सकते हैं। हालांकि, बहुत सारे निवेशक डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान नहीं देते हैं और नुकसान करा लेते हैं। 

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