FD की ब्याज दरें थमने के बाद अब यहां मुनाफा कमा रहे हैं भारतीय, जून में आया 8637 करोड़ रुपये का निवेश
जून में एसआईपी के जरिये इक्विटी फंड में कुल 14,734 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जबकि मई में यह आंकड़ा 14,749 करोड़ रुपये था।
समझदार निवेशक हमेशा जहां फायदे की संभावना हो, वहां निवेश (Investment) करता है। देश में निवेशकों का बदलता रुख इस बात की तसदीक करता है कि भारतीय निवेशक कितनी तेजी से मैच्योर हो रहे हैं। बीते साल जब देश में फिक्स डिपॉजिट (FD Rates) पर ब्याज की दरों में बढ़ोत्तरी हुई तो लोग भी म्युचुअल फंड और अन्य विकल्पों को छोड़ तेजी से एफडी की ओर दौड़े और जमकर निवेश किया। म्युचुअल फंड से लोगों की इस बेरुखी का एक कारण यहां घटता निवेश भी था। लेकिन अब जहां दो महीनों से एफडी पर ब्याज की दरें स्थिर हैं और घट रही हैं, जो लोग एक बार फिर म्युचुअल फंड की एसआईपी की ओर बढ़ने लगे हैं।
जून में म्युचुअल फंड में हुआ 8600 करोड़ का निवेश
शेयर बाजार में जारी तेजी के बीच व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के जरिये निवेश बढ़ने से जून में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 8,637 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो तीन माह का उच्चस्तर है। म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी ने सोमवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके पहले इक्विटी म्यूचुअल फंड में मई में 3,240 करोड़ रुपये और अप्रैल में 6,480 करोड़ रुपये का निवेश आया था। वहीं मार्च के महीने में 20,534 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था।
SIP के साथ STP में बढ़ा निवेश
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के विपणन एवं डिजिटल कारोबार प्रमुख मनीष मेहता ने कहा, ‘‘मई की तुलना में जून में आया निवेश थोड़ा अधिक रहा। परिसंपत्ति आवंटन बनाए रखने के लिए ऊंचे स्तर पर कुछ मुनाफा कमाए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन निवेशक SIP और व्यवस्थित अंतरण योजना (STP) के जरिये निवेश जारी रखे हुए हैं।’’ जून में एसआईपी के जरिये इक्विटी फंड में कुल 14,734 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जबकि मई में यह आंकड़ा 14,749 करोड़ रुपये था। यह लगातार चौथा महीना है जब एसआईपी निवेश 14,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा।
सबसे ज्यादा स्मॉलकैप में निवेश
निवेशकों के बीच स्मॉलकैप कोष में आवंटन 5,472 करोड़ रुपये के साथ सर्वाधिक रहा। इसके बाद वैल्यू फंड में 2,239 करोड़ रुपये और मिडकैप फंड में 1,749 करोड़ रुपये का निवेश आया। इक्विटी के अलावा हाइब्रिड योजनाओं में जून के दौरान 4,611 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।फायर्स के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) गोपाल कवलीरेड्डी ने कहा, ‘‘साल 2023 की पहली छमाही में बड़ी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन उतना अच्छा न रहने से निवेशकों ने समझदारी दिखाते हुए स्मॉलकैप कोषों का रुख किया।’’