ब्याज से हुई इनकम पर TDS बचाने का सॉलिड जुगाड़ है फॉर्म 15G और 15H, जान लेंगे तो होगी बचत
फॉर्म 15जी को 60 साल से कम उम्र के निवेशकों को, जबकि फॉर्म 15एच 60 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों को जमा करना होता है।
जब आप फिक्स्ड डिपोजिट, रेकरिंग डिपोजिट या दूसरे सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं तो इनकम टैक्स (Income Tax) की धारा 194ए के तहत बैंक, एनबीएफसी या वित्तीय संस्थानों को टीडीएस (TDS) डिडक्ट करने की जरूरत होताी है। इसकी भी एक शर्त होती है। यह तब डिडक्ट होता है, जब निवेशकों को निवेश पर मिली ब्याज की राशि यानी ब्याज से हुई कमाई एक साल में 40 हजार रुपये से ज्यादा हुई हो। सीनियर सिटीजन के लिए यह लिमिट 50 हजार रुपये है। ऐसे में टीडीएस काटकर आपको बाकी रकम दी जाती है। लेकिन इस टीडीएस (tax deduction at source)से बच सकते हैं। इसके लिए सामान्य निवेशक को एक फॉर्म 15जी (Form 15G) भरकर वित्तीय संस्थान को देना होता है। सीनियर सिटीजन के लिए फॉर्म 15एच (Form 15H) होता है। आइए, इन फॉर्म को जान लेते हैं, जिससे आपकी बचत हो सके।
फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच
फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच, बैंकों या वित्तीय संस्थानों में जाने वाला एक टैक्स डिक्लेयरेशन फॉर्म होता है, जो आपकी एक तय निवेश पर मिले ब्याज के तौर पर हुई कमाई की बचत करता है। फॉर्म 15जी को 60 साल से कम उम्र के निवेशकों को भरकर सबमिट करना होता है, जबकि फॉर्म 15एच 60 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों को जमा करना होता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि फॉर्म में दी गई जानकारी सही हो, अन्यथा आपके ऊपर पेनाल्टी लगाई जा सकती है।
क्या हैं इन फॉर्म को सबमिट करने के फायदे
अगर व्यक्तिगत निवेशक या टैक्सपैयर की सालाना इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है तो यह फॉर्म भरकर बैंक या पोस्टऑफिस या अन्य संस्थानों में जमा कराने से ब्याज के रूप में हुई कमाई पर तत्काल टीडीएस कटने से बच जाता है। इससे उसकी फाइनेंशियल प्लानिंग और कैश फ्लो बेहतर हो जाते हैं। अगर कोई टैक्सेबल इनकम से कम की कैटेगरी में आता है और उसने ये फॉर्म (Form 15G or Form 15H)सबमिट कर दिया है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी नहीं है। अगर आप फॉर्म जमा नहीं करते हैं तो आपका टीडीएस (TDS) कट जाता है। बजाज फिन्सर्व के मुताबिक, हर कोई यह फॉर्म सबमिट नहीं कर सकता। पहले इसके लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को जरूर समझ लें। अन्यता आप पर पेनाल्टी भी लग सकती है। ध्यान रहे कि यह फॉर्म आप 1 अप्रैल की तारीख से पहले जमा कर दें।
अगर आप फॉर्म जमा करना भूल गए तो...
अगर आप यह फॉर्म भरकर जमा करना भूल गए तो कोई बात नहीं। हां आपको डिडक्ट हुई राशि पाने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। इसके लिए आपको तय तारीख तक में इनकम टैक्स रिटर्न में टीडीएस (TDS) क्लेम करना होगा। आप फॉर्म 15जी या फॉर्म 15एच को चाहें तो ऑनलाइन भी भर सकते हैं या ऑफलाइन यानी बैंक या संस्थान में जाकर भी जमा कर सकते हैं। इस फॉर्म में आपको अपनी पूरी डिटेल भरनी होती है। जैसे नाम, पता, पैन नंबर, मोबाइल नंबर आदि। याद रहे कि फॉर्म में कोई गलत जानकारी देने पर भारी पेनाल्टी का भी सामना करना पड़ सकता है।