कारोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया क 119 देशों में फैल चुका है। भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़े रहे हैं। ओमिक्रॉन की दस्तक ने लोगों के दिलों में कोरोना महामारी की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं। बीते अनुभव बताते हैं कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के कहर के चलते लोगों ने सिर्फ अपनों को ही नहीं खोया, बल्कि उनकी जिंदगी भर की कमाई भी महंगे इलाज की भेंट चढ़ गई।
आपकी इसी मुश्किल को हेल्थ इंश्योरेंस काफी कम कर सकता है। आपका हेल्थ इंश्योरेंस ओमिक्रॉन के खिलाफ एक कवच का काम कर सकता है। ऐसे में ओमिक्रॉन के विकराल स्वरूप अख्तियार करने से पहले जरूरी है कि आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को अपडेट कर लें। ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना कवर की सुविधा दे रही हैं। अगर आपने अभी तक इस तरह का हेल्थ इंश्योरेंस नहीं कराया है तो आज ही कोरोना और ओमिक्रॉन को कवर करने वाला हेल्थ इंश्योरेंस कराएं।
बहुत काम की है 'कोरोना कवच पॉलिसी'
कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमिक्रॉन' का खतरा बढ़ने के बीच 'कोरोना कवच' पॉलिसी काफी फायदेमंद हो सकती है। यह पॉलिसी बीमा नियामक इरडा के निर्देशों के तहत शुरू की गई है। लगभग सभी बीमा कंपनियों के पास कोरोना कवच प्रोडक्ट मौजूद है। कोरोना कवच एक शॉर्ट टर्म पॉलिसी है। कई बार आपकी हेल्थ पॉलिसी कोरोना से जुड़े खर्चों को कवर नहीं करती है। ऐसे में आप इसे अपनी मौजूद हेल्थ पॉलिसी के साथ खरीद सकते हैं। इसमें कोरोना होने पर 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
3.5 से 9.5 महीने तक का कवर
इंश्योरेंस की अवधि साढ़े 3, साढ़े 6 और साढ़े 9 महीने हो सकती है। इसमें कवर का प्रीमियम 500 से 6 हजार रुपए (GST शामिल नहीं) रहेगा। 18 से 65 साल तक का कोई भी व्यक्ति ये पॉलिसी ले सकता है। यह पॉलिसी रिन्यू नहीं होती, आपको अवधि खत्म होने के बाद दोबारा पॉलिसी लेनी होती है। खासबात यह है कि इस पॉलिसी का वेटिंग पीरिएड 15 दिनों का है। यानि पॉलिसी लेने के 15 दिनों के बाद आप इसका लाभ ले सकते हैं।
5 लाख तक का कवर
कोरोना कवच पॉलिसी के लिए इंश्योरेंस की राशि न्यूनतम 50 हजार रुपए और अधिकतम 5 लाख रुपए (50,000 रुपए के मल्टिपल में) है। यानी आप कम से कम 50 हजार और अधिकतम 5 लाख तक का इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं।
पीपीई किट का खर्चा भी कवर
यह पॉलिसी कोरोना से जुड़े सारे खर्च को कवर करती है, मसलन बेड का चार्ज, नर्सिंग चार्ज, ब्लड टेस्ट, PPE किट, ऑक्सीजन, ICU और डॉक्टर की कंसल्टेशन फीस इसमें कवर होती है। अस्पताल में भर्ती होने से पहले डॉक्टर कंसल्टेशन, चेक अप और डाइग्नोसिस के खर्च शामिल होते हैं। ऐसे खर्चों पर अस्पताल में भर्ती होने से 15 दिन पहले तक का कवर मिलता है। इसमें अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 30 दिन बाद तक का मेडिकल खर्च मिलता है। अगर आपका कोरोना बीमारी का इलाज घर पर चल रहा है, तो इसमें हेल्थ की मॉनिटरिंग और दवाइयों का खर्च 14 दिन तक के लिए कवर होता है।
आयुर्वेदिक इलाज भी शामिल
इस पॉलिसी के तहत आयुर्वेद और उससे जुड़े इलाज खर्च पर भी कवर मिलेगा। घर से अस्पताल और अस्पताल से घर तक एम्बुलेंस में ट्रांसफर करने का खर्च भी कवर किया जाता है।
ध्यान रखें ये बात
कोरोना कवच पॉलिसी और आम इंश्योरेंस पॉलिसी में सबसे बड़ा फर्क यह है कि कोरोना कवच सिर्फ कोरोना के चलते होने वाली बीमारी को कवर करती है। जबकि साधारण बीमा पॉलिसी में कोरोना के अलावा अन्य बीमारियां भी कवर होती है। ऐसे में कोरोना कवच आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का विकल्प नहीं हो सकती है, हां यह आपकी सुरक्षा को मजबूत जरूर कर सकती है।
Latest Business News