अगर आप गारंटीड रिटर्न और निवेश की रकम की सुरक्षा भी चाहते हैं तो फिक्स्ड डिपोजिट में निवेश करने का आइडिया सबसे शानदार है। आप इस ऑप्शन में कम समय से लेकर लंबे समय तक के लिए पैसा जमा कर सकते हैं। अगर आपका इरादा 5 साल की एफडी स्कीम को लेकर है तो कुछ बैंक हैं जो फिलहाल लंबे समय की एफडी पर आकर्षक रिटर्न ऑफर कर रहे हैं। यानी अगर आप प्रचलित ब्याज दरों का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप उन बैंकों की तलाश कर सकते हैं जो सबसे अधिक ब्याज दरें प्रदान कर रहे हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा
सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक ऑफ बड़ौदा पांच साल की सावधि जमा (FD) पर प्रति वर्ष 6.5 प्रतिशत तक ब्याज ऑफर कर रहा है। वरिष्ठ नागरिक अपनी जमाराशियों पर 7.5 प्रतिशत ब्याज हासिल कर सकते हैं। जो लोग कम अवधि (3 वर्ष) के लिए अपना पैसा जमा करना चाहते हैं, वह भी अपनी सावधि जमाराशियों पर 6.5 प्रतिशत कमा सकते हैं, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सावधि जमाराशियों पर 7.15 प्रतिशत की पेशकश की जाती है।
भारतीय स्टेट बैंक
देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक नियमित नागरिकों को पांच साल की जमाराशियों पर 6.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। बैंक का विशिष्ट अवधि योजना अमृत कलश जो 400 दिनों के लिए एक एफडी योजना है, नियमित नागरिकों को 7.10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज और वरिष्ठ नागरिकों को 7.60 प्रतिशत ब्याज प्रदान करती है।
एचडीएफसी बैंक
प्राइवेट सेक्टर का अग्रणी बैंक सामान्य कस्टमर्स को अपने पांच साल के जमा पर 7 प्रतिशत प्रति वर्ष और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज प्रदान करता है। ये दरें 9 फरवरी, 2024 को लागू हुईं।
कोटक महिंद्रा बैंक
प्राइवेट सेक्टर का बैंक सामान्य ग्राहकों को और वरिष्ठ नागरिकों को अपने पांच साल के सावधि जमा पर 6.25 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज प्रदान करता है। ये दरें 19 अप्रैल, 2024 को लागू हुईं हैं।
पंजाब नेशनल बैंक
सार्वजनिक क्षेत्र का यह बैंक नियमित नागरिकों को पांच साल की सावधि जमा पर 6.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7 प्रतिशत और सुपर सीनियर नागरिकों यानी 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को 7.3 प्रतिशत ब्याज प्रदान करता है।
आईसीआईसीआई बैंक
निजी क्षेत्र का आईसीआईसीआई बैंक नियमित नागरिकों को अपने पांच साल के सावधि जमा पर 7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत ब्याज देता है। ये दरें 17 फरवरी से लागू हैं।
Latest Business News