Financial Freedom: स्वतंत्रता दिवस पर वित्तीय आजादी के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, कभी नहीं होगी पैसे की किल्लत
Financial Freedom: स्वतंत्रता दिवस पर वित्तीय आजादी के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, कभी नहीं होगी पैसे की किल्लत Financial Freedom: Follow these 5 tips for financial freedom on Independence Day, there will never be a shortage of money
Financial Freedom: देश आज आजादी के 75 साल पूरे होने पर धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। अगर आजादी को सही मायने में हम सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम वित्तीय रूप से स्वतंत्र बने। वित्तीय स्वतंत्रता से मतलब है कि आपके पास पर्याप्त पैसा हो, जिससे आप अपने मौजूदा और भावी खर्चों को पूरा कर पाएं। आज स्वतंत्रता दिवस के इस माके पर हम आपको उन कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दे रहे हैं जिनको फॉलो कर आप आसानी से अपने और परिवार के लिए वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर सकते हैं।
1. आय और खर्च का आकलन करें
वित्तीय स्वतंत्रता के लिए सबसे पहले अपने मौजूदा वित्तीय स्थिति का आकलन करें। इसमें आप अपनी कुल आय, जिसमें नौकरी, मकान का किराया आदि को शामिल करें। इसके बाद अपने सारे खर्च जैसे लोन का रीपेमेंट, फोन का बिल, खाने-पीने का खर्च आदि के अलावा निकट भविष्य में होने वाले खर्च को भी शामिल करें। आमदनी में से कुल खर्च घटाने के बाद बची राशि अगर कुल आय का 5-10 फीसदी है तो आपको अपने पैसों के प्रबंधन के लिए गंभीरतापूर्वक विचार करने की जरुरत है।
2. निवेश से पहले लक्ष्य निर्धारित करें
आय से बचे अमाउंट को कहीं निवेश करने से पहले अपना गोल तय करें। इसके लिए अगले पांच साल में घर खरीदने का या इमरजेंसी फंड बनाने का या तीन वर्ष बाद कार खरीदने का आदि का गोल शामिल हो सकता है। एक बार इस तरह के गोल निर्धारित करने से आपमें बचत की प्रवृत्ति विकसित होती है। गोल हमेशा ही एक समय-सीमा के साथ निर्धारित की जानी चाहिए। अचानक होने वाले हेल्थ प्रॉब्लम एवं दुर्घटनाओं के लिए इमरजेंसी फंड बनाना जरूरी है। ऐसा करने से आपको पता होगा कि आपको इतने साल के बाद कितने पैसे की जरूरत होगी।
3. इस तरह चुनें इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट
इन्वेस्टमेंट के लिए मार्केट में उपलब्ध प्रोडक्ट्स में रिस्क का लेवल अलग-अलग होता है। अगर, आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो वहां रिस्क अधिक होता है जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट में रिस्क न के बारबार होता है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति जितना अधिक रिस्क उठाता है उसको उसी अनुपात में तेज रिटर्न मिलता है। हालांकि, घाटा भी उसी अनुपात में होने का चांस होता है। इसलिए निवेश के विकल्प से संबंधित सभी प्रकार के रिस्क के बारे में पहले ही जान लें। यह जानना आपके लिए जरूरती है कि मार्केट के रिस्क, ब्याज दर के रिस्क, लिक्विडिटी का रिस्क, महंगाई आदि निवेश को प्रभावित करते हैं। इनका सीधा प्रभाव आपकी इन्वेस्टमेंट पर पड़ता है। इससे बचने के लिए प्रोपर रिसर्च करें। इसके बाद अपने इनकम और गोल के अनुसार इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट का चयन करें और निवेश करें।
4. इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं
अगर, आपने अभी तक इमरजेंसी फंड नहीं बनाया है तो अब देर न करें। ऐसा इसलिए करें कि बुरा वक्त कब शुरू हो जाता है, यह किसी को पता नहीं होता है। बुरे वक्त से पार पाने के लिए एक इमरजेंसी फंड बनाएं। इसके लिए अपने फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं और इस पैसे को इमरजेंसी फंड में डाले। यह आपके बुड़े वक्त में मदद करेगा।
5. प्रर्याप्त लाइफ इंश्योरेंस जरूर लें
अगर, आपके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है तो प्रर्याप्त लाइफ इंश्योरेंस,टर्म इंश्योरेंस खरीद लें। लाइफ इंश्योंरेस के साथ हेल्थ इंश्योरेंस भी जरूर लें। हेल्थ इंश्योरेंस पूरे परिवार के लिए लें। ऐसा कर आप अपने परिवार को फाइंनेंशियली सिक्योर कर सकते हैं। इसके साथ ही एक्स्ट्रा इनकम जेनरेट करने के विकल्प पर काम करें।