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EPF से जुड़े ये फॉर्म किस चीज के लिए आते हैं काम? जानें कितने तरह के होते हैं

फॉर्म 13 का इस्तेमाल कर्मचारी की पिछली नौकरी से वर्तमान नौकरी में पीएफ राशि को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इससे पीएफ का सारा पैसा एक खाते में रखने में मदद मिलती है।

भविष्य निधि का संचालन ईपीएफओ करता है।- India TV Paisa Image Source : FILE भविष्य निधि का संचालन ईपीएफओ करता है।

ईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम, 1952 के तहत एक खास स्कीम है। इसका संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) करता है। ईपीएफओ कर्मचारियों की सुविधा के लिए अलग-अलग तरह के फॉर्म जारी कर रखा है। यह फॉर्म अलग-अलग परिस्थितियों में जरूरत के मुताबिक, इस्तेमाल किए जाते हैं। ये फॉर्म पीएफ से पैसे निकालने, अकाउंट ट्रांसफर करने सहित कई तरह के काम को आसान बनाते हैं। आइए, यहां जान लेते हैं कि ईपीएफ से जुड़े कितने फॉर्म हैं।

फॉर्म के प्रकार और उसका इस्तेमाल

फॉर्म 31
ईपीएफ के फॉर्म 31 को पीएफ एडवांस फॉर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल ईपीएफ अकाउंट से निकासी, लोन और एडवांस हासिल करने के लिए किया जा सकता है।

फॉर्म 10डी
bankbazaar के मुताबिक, फॉर्म 10डी का इस्तेमाल मासिक पेंशन हासिल करने के लिए किया जाता है।

फॉर्म 10सी
फॉर्म 10सी का इस्तेमाल ईपीएफ योजना के तहत प्रॉफिट का दावा करने के लिए किया जाता है। फॉर्म 10सी का इस्तेमाल कंपनी द्वारा ईपीएस में योगदान किए गए फंड को निकालने के लिए किया जाता है।

फॉर्म 13
फॉर्म 13 का इस्तेमाल कर्मचारी की पिछली नौकरी से वर्तमान नौकरी में पीएफ राशि को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इससे पीएफ का सारा पैसा एक खाते में रखने में मदद मिलती है।

फॉर्म 19
इस फॉर्म का इस्तेमाल ईपीएफ खाते के आखिरी निपटान का दावा करने के लिए किया जाता है।

फॉर्म 20
खाताधारक की मृत्यु होने की स्थिति में परिवार के सदस्य पीएफ राशि निकालने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फॉर्म 51एफ
इस फॉर्म का इस्तेमाल कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा के लाभों का दावा करने के लिए नामांकित व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है।

ईपीएफ स्कीम के लाभ

ईपीएफ किसी भी कर्मचारी को लंबे समय के लिए पैसे बचाने में मदद करता है। bankbazaar के मुताबिक, इसमें एकमुश्त निवेश करने की कोई जरूरत नहीं होती है, बल्कि कर्मचारी की सैलरी से मासिक आधार पर कटौती की जाती है और यह लंबी अवधि में बड़ी मात्रा में पैसे बचाने में मदद करता है। यह किसी कर्मचारी को इमरजेंसी के दौरान वित्तीय रूप से मदद कर सकता है। यह रिटायरमेंट के समय पैसे बचाने में मदद करता है।

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