PAN card निष्क्रिय होने पर भी ये 8 वित्तीय लेनदेन बिना परेशानी के करें, यहां देखें पूरी लिस्ट
करदाता 1,000 रुपये के भुगतान कर पैन को फिर शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इसमें एक महीने का वक्त लगेगा।
इस साल 30 जून तक आधार से पैन को लिंक नहीं करने के चलते बहुत सारे लोगों का पैन कार्ड निष्क्रिय हो गया है। इससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब बहुत सारे लोग पेनल्टी भरकर अपना पैन को एक्टिव करा रहे हैं। हालांकि, इसमें एक महीने का वक्त लग रहा है। ऐसे में अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो हम आपको उन 8 वित्तीय लेनदेन के बारे में बता रहे हैं, जिसे अभी भी आप आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए पैन नंबर की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, लेनदेन में आपको अधिक टीडीएस का भुगतान करना होगा।
अभी भी कर सकते हैं ये काम
- बैंक FD और RD में जमा रकम पर 40 हजार रुपये तक ब्याज (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) प्राप्त कर सकते हैं।
- कंपनियों और म्यूचुअल फंड से 5,000 रुपये से अधिक का डिविडेंड ले सकते हैं।
- 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य की प्रॉपर्टी की बिक्री कर सकते हैं। हालांकि, अधिक TDS देना होगा।
- 10 लाख रुपये से अधिक की कार खरीद सकते हैं। हालांकि, अधिक TCS चुकाना होगा।
- ईपीएफ खाते से 50,000 रुपये से अधिक पैसा निकाल सकते हैं।
- अगर रूम रेंट 50 हजार से अधिक मंथली है तो उसका भुगतान कर सकते हैं।
- कॉन्ट्रैक्ट कार्यों के लिए 30,000 रुपये या 1 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर सकते हैं।
- 15,000 रुपये से अधिक कमीशन या ब्रोकरेज ले सकते हैं। हालांकि, अधिक टीडीएस देना होगा।
समयसीमा तीन माह बढ़ाकर 30 जून की गई थी
आपको बता दें कि पैन को आधार से लिंक करने की समयसीमा को कई बार बढ़ाई गई थी। सरकार ने अंतिम बार भी स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से जोड़ने की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर 30 जून, 2023 कर दी थी। हालांकि, इसके बावजूद भी बहुत सारे लोगों ने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया। सरकार ने पहले ही बताया था कि एक बार पैन के निष्क्रिय होने के बाद संबंधित करदाता न तो कर रिफंड और न ही उस पर ब्याज का दावा कर पाएगा। इसके अलावा उससे स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) भी अधिक दर पर लिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि संबंधित प्राधिकरण को 1,000 रुपये के भुगतान के बाद 30 दिन के अंदर पैन को फिर शुरू किया जा सकेगा। हालांकि पैन-आधार को जोड़ने से छूट मिली हुई श्रेणी के लोगों को किसी तरह की कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।