बैंक आमतौर पर नौकरीपेशा वाले या बिजनेसमैन को पर्सनल लोन देना पसंद करते हैं। इसकी वजह यह होती है कि पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है। इसमें बैंक का पैसा डूबने का चांस अधिक होता है। वहीं, नौकरीपेशा वाले या कारोबारी को को देने पर डूबने का चांस कम हो जाता है। हालांकि, लोन हमेशा इंसान संकट के वक्त ही लेता है। ऐसे में अगर आपकी नौकरी छूट जाती है तो भी आप पर्सनल लोन ले सकते हैं। हम आपको वो उपाय बता रहे हैं, जिसके सहारे बैंक आपको आसानी से पर्सनल लोन दे देंगे।
क्यों लोन देने से हिचकते हैं बैंक?
बैंक अक्सर बेरोजगार आवेदकों के लिए सख्त पात्रता मानदंड लागू करते हैं, जिसमें उच्च क्रेडिट स्कोर सीमा और कम ऋण राशि शामिल होती है। नौकरी नहीं होने पर बढ़े हुए जोखिम के कारण, बेरोजगार व्यक्तियों के व्यक्तिगत ऋण आम तौर पर नौकरी वाले की तुलना में अधिक ब्याज पर दी जाती है। नौकरी छूटने और वित्तीय संकट के मामलों में, भुगतान व्यवस्था या कम ब्याज दरों जैसे विकल्पों का पता लगाने के लिए अपने वर्तमान बैंक से बात करें।
नौकरी छूटने पर लोन लेने का क्या विकल्प?
सिक्योर्ड लोन: कार या प्रॉपर्टी जैसी एसेट का इस्तेमाल कर बैंक से आप नौकरी छूटने के बाद भी लोन ले सकते हैं। बैंक आपकी प्रॉपर्टी को कोलैटरल के तौर इस्तेमाल कर आसानी से पर्सनल लोन देगा। इस तरह के लोन में एक यह भी फायदा है कि बैंक आपसे कम ब्याज चार्ज करेगा।
को-साइनर लोन: एक स्थिर आय वाले क्रेडिटयोग्य व्यक्ति का लोन पर को-साइनर बनाकर आप आसानी से लोन पा सकते हैं। लोन की ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में को-साइनर पुनर्भुगतान की जिम्मेदारी लेता है।
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