प्री-अप्रूव्ड होम लोन को कितना समझते हैं आप? जानें क्या मिलते हैं इसके फायदे
एक बार वेरिफिकेसन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद बैंक अप्लाई करने वाले को प्री-अप्रूव्ड होम लोन का लेटर जारी करता है। यह प्री-अप्रूव्ड होम लोन 6 महीने की अवधि के लिए वैलिड होता है, जिसके भीतर अप्लाई करने वाले को प्रॉपर्टी डील को फाइनल करना होता है।
होम लोन के लिए जब अप्लाई किया जाता है तो बैंक आम तौर पर संपत्ति या प्रॉपर्टी के मूल्य का 80 प्रतिशत तक फाइनेंस करता है, जो प्रॉपर्टी के स्थान, बिल्डर की इमेज, डॉक्यूमेंटेशन आदि पर भी निर्भर करता है। जानकारों का कहना है कि जब आप घर या फ्लैट खरीदने का फैसला कर लेते हैं तो प्रॉपर्टी सर्च करने के साथ-साथ या पहले आपको प्री-अप्रूव्ड होम लोन के लिए भी अप्लाई कर देना चाहिए। इसके अपने फायदे हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्री-अप्रूव्ड लोन क्या है और प्री-अप्रूव्ड होम लोन की पूरी प्रक्रिया कैसे की जाती है।
क्या है प्री-अप्रूव्ड होम लोन
प्री-अप्रूव्ड होम लोन ऋण की एक मंजूरी है जो प्रॉपर्टी डील को आखिरी रूप देने से पहले की जाती है। यह प्रक्रिया रेगुलर लोन स्वीकार करने की तरह ही है, सिर्फ इतना है कि आपको प्रॉपर्टी से संबंधित कोई भी दस्तावेज जमा नहीं करना है। बैंक या वित्तीय संस्थान वेरिफिकेशन के लिए कुछ जरूरी डॉक्यूमेट्स मांगते हैं जिनमें आयकर रिटर्न, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, बैंक खाता डिटेल और सैलरी स्लिप शामिल हैं। इस प्रक्रिया में प्रोसेसिंग शुल्क भी शामिल होता है जिसे फाइनल लोन डिस्ट्रीब्यूट होने के बाद एडजस्ट किया जाता है। बैंक आपकी क्रेडिट एलिजिबिलिटी को वेरिफाई करने के लिए आपकी सिबिल रिपोर्ट भी अटैच करते हैं। अगर आवेदक के पास पहले से कोई ऋण है, तो मौजूदा ऋण राशि अनुमोदन सीमा से काट ली जाएगी।
एक बार वेरिफिकेसन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद बैंक अप्लाई करने वाले को प्री-अप्रूव्ड होम लोन का लेटर जारी करता है। यह प्री-अप्रूव्ड होम लोन 6 महीने की अवधि के लिए वैलिड होता है, जिसके भीतर अप्लाई करने वाले को प्रॉपर्टी डील को फाइनल करना होता है। आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक, अगर अप्लाई करने वाला समयसीमा के भीतर प्रॉपर्टी डील फाइनल करने में विफल रहता है, तो उसे प्री-अप्रूव्ड होम लोन के लिए फिर से अप्लाई करना होगा। इसमें प्रोसेसिंग फीस न तो वापस किया जाता है और न ही इसे बाद में एडजस्ट किया जाता है।
प्री-अप्रूव्ड होम लोन के मिलते हैं ये फायदे
- फाइनल लोन डिसबर्समेंट जल्दी और आसान हो जाता है। क्योंकि लोन से जुड़ा ज्यादातर वेरिफिकेशन शुरुआती चरण में ही किया जा चुका होता है, इसलिए लोन डिसबर्समेंट की प्रक्रिया बहुत तेज़ और आसान हो जाती है। वेरिफिकेशन के लिए पेंडिंग एकमात्र दस्तावेज प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट रह जाते हैं। जैसे ही डॉक्यूमेंट सत्यापित हो जाते हैं, अप्रूव्ड लोन राशि डिसबर्स (वितरित) कर दी जाती है। इससे खरीदारों को भी मदद मिलती है जब संपत्ति लेनदेन की एक छोटी अवधि और प्रक्रिया के लिए एक कार्यकाल रखती है।
- घर की तलाश आसान और अधिक केंद्रित हो गई है। रियल एस्टेट विभिन्न घरों जैसे अपार्टमेंट, विला और इंडिपेंडेंट हाउस की एक चेन की मेजबानी करता है। अगर अप्लाई करने वाले के पास पहले से ही पूर्व-निर्धारित बजट है, तो घर की तलाश तुलनात्मक रूप से आसान हो जाती है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि 60 लाख रुपये प्री-अप्रूव्ड होम लोन वाला व्यक्ति 55-65 लाख के भीतर घर की तलाश कर सकता है।
- बातचीत की प्रक्रिया आसान हो जाती है। एक बार जब आपके पास प्री-अप्रूव्ड होम लोन हो जाता है, तो आप बिल्डरों के साथ बातचीत कर सकते हैं और वे किसी दूसरे संभावित खरीदार की तुलना में आपको गंभीरता से लेते हैं।
- वित्त अधिक नियोजित होते हैं। प्री-अप्रूव्ड होम लोन किसी व्यक्ति को उसकी वित्तीय स्थिति जानने और उन्हें उनके मूल्य की जानकारी देने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इससे व्यक्ति को अपनी बचत की योजना बनाने और उसके अनुसार डाउन पेमेंट करने में मदद मिलती है।
आखिर में समझ लीजिए
होम लोन के लिए प्री-अप्रूवल हासिल करना आपको यह गारंटी नहीं देता है कि आपका लोन आखिरी तौर पर आपको दे दिया जाएगा। संपत्ति और संबंधित दस्तावेज़ और बैंक के दिशानिर्देश जैसे कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, लोन एप्लीकेशन मंजूरी अवधि के भीतर किया जाना चाहिए। इन फैक्टर्स के अलावा, प्री-अप्रूव्ड होम लोन आवेदक के लिए लोन डिसबर्समेंट को सुविधाजनक और आसान बनाता है।