A
Hindi News पैसा मेरा पैसा Be Careful: लोन लेते वक्‍त रखें सावधानी, समझ लें फ्लैट और रिड्यूशिंग बैलेंस लोन के बीच क्‍या है अंतर

Be Careful: लोन लेते वक्‍त रखें सावधानी, समझ लें फ्लैट और रिड्यूशिंग बैलेंस लोन के बीच क्‍या है अंतर

बैंक व अन्‍य फाइनेंस कंपनियां 14-16 फीसदी की दर पर पर्सनल लोन ऑफर कर रही हैं, वहीं कुछ एनबीएफसी भी हैं जो केवल 10 फीसदी की ब्‍याज पर लोन ऑफर कर रही हैं।

Be Careful: लोन लेते वक्‍त रखें सावधानी, समझ लें फ्लैट और रिड्यूशिंग बैलेंस लोन के बीच क्‍या है अंतर- India TV Paisa Be Careful: लोन लेते वक्‍त रखें सावधानी, समझ लें फ्लैट और रिड्यूशिंग बैलेंस लोन के बीच क्‍या है अंतर

नई दिल्‍ली। आजकल जहां देखों वहां ऑफर्स की धूम मची हुई है, लेकिन कुछ ऑफर को मना करना वाकई बहुत अच्‍छा होता है। पर्सनल लोन के मामले में यह एकदम सटीक है। जहां एक ओर बैंक व अन्‍य फाइनेंस कंपनियां 14-16 फीसदी की दर पर पर्सनल लोन ऑफर कर रही हैं, वहीं कुछ एनबीएफसी भी हैं जो केवल 10 फीसदी की ब्‍याज दर पर पर्सनल लोन का ऑफर ग्राहकों को दे रही हैं।

एफएमजीसी कंपनी में मार्केटिंग एग्‍जीक्‍यूटिव कार्तिक मुखर्जी को एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) से 10 फीसदी ब्‍याज दर पर पर्सनल लोन का ऑफर दिया जाता है। इस ऑफर को सुनकर कार्तिक चौंक जाता है। क्‍योंकि एक दिन पहले ही उसने कुछ बैंकों से पर्सनल लोन के बारे में जानकारी हासिल की थी, जिसमें उसे 14-16 फीसदी ब्‍याज दर पर पर्सनल लोन देने की बात कही गई थी। तो क्‍या एनबीएफसी कंपनियां उदारता की वजह से सस्‍ती दरों पर लोन दे रही हैं? क्‍या ये प्रतिस्‍पर्धी कीमत है या ये एक लिमिटेड पीरियड ऑफर है, जिनका उपयोग ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए एनबीएसफी कर रही है? इस फोन कॉल ने न केवल कार्तिक को आश्‍चर्य में डाल दिया बल्कि उसे उलझन में भी फंसा दिया।

क्‍या है चालबाजी

जब इस ऑफर की सतही छानबीन की जाएगी, तो यह आपको बड़ा धक्‍का लग सकता है। फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट डिस्‍ट्रीब्‍यूशन की दुनिया में ग्राहकों को फंसाने का यह बहुत लोकप्रिय हथकंडे का एक बड़ा सबूत है। अधिकांश मामलों में ये मिस-सेलिंग का मामला भी बन जाता है। इस ऑफर में चालबाजी है ‘फ्लैट रेट’ की, सेल्‍स एग्‍जीक्‍यूटिव ने कार्तिक को इसी बारे में बताया था, इसके सही मतलब को बताए बगैर।

फ्लैट रेट लोन में प्रति माह चुकाया जाने वाले ब्‍याज की गणना लिए गए लोन की कुल रकम पर की जाती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने पांच लाख रुपए का लोन 10 फीसदी फ्लैट रेट पर पांच साल के लिए लिया है, तो आपको हर माह 4,167 रुपए की ईएमआई देनी होगी, वो भी लोन के कुल समयाविध तक यानी पूरे पांच साल तक। ईएमआई से हर महीने कम होने वाली मूल राशि भी लोन की पूरी समयावधि तक एक समान बनी रहती है। हालांकि, बैंक जो कि 14-16 फीसदी की ऊंची दर पर लोन देते हैं, वास्‍तव में वे रिड्यूशिंग बैलेंस पर ब्‍याज की गणना करते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि हर माह चुकाए जाने वाले ब्‍याज की गणना बचे हुए लोन के आधार पर होती है, न कि वास्‍तविक लोन एमाउंट पर। उदाहरण के लिए, यदि आपने 5 लाख रुपए का लोन 16 फीसदी की दर पर पांच साल के लिए लिया है, तो आपको हर गुजरते माह पर कम ब्‍याज चुकाना होगा। इस मामले में, पहली ईएमआई में आपको 6667 रुपए ब्‍याज के रूप में देने होंगे, दूसरे माह में यह राशि 6593 हो जाएगी और इसी प्रकार आगे भी यह घटती चली जाएगी। रिड्यूशिंग बैलेंस लोन में, प्रत्‍येक गुजरते माह के साथ ही मूल राशि का भुगतान लगातार बढ़ता जाता है। इसलिए रिड्यूशिंग बैलेंस लोन के मामले में, जब लोन की समयाविध पूरी होने को होती है, तो ईएमआई में ब्‍याज का हिस्‍सा लगातार कम होता जाता है और मूल राशि का हिस्‍सा बढ़ जाता है।

ये है वास्‍तविकता

एनबीएफसी ने कार्तिक को 10 फीसदी फ्लैट लोन का ऑफर दिया था, इसका मतलब है कि वह ज्‍यादा ब्‍याज लेती, जबकि बैंक 16 फीसदी पर रिड्यूशिंग बैलेंस लोन देते हैं, जिसमें ब्‍याज कम देना पड़ता। 10 फीसदी फ्लैट इंटरेस्‍ट रेट पर लिया गया पांच लाख रुपए के लोन पर पांच साल में कार्तिक को 2.5 लाख रुपए ब्‍याज चुकाना होता, जबकि 16 फीसदी रिड्यूशिंग बैलेंस रेट पर लिए गए इतनी ही राशि के लोन पर पांच साल में 2,29,542 रुपए ब्‍याज के रूप में देने होंगे। इसलिए अगली बार यदि आपके पास भी कार्तिक की तरह ऐसे किसी ऑफर के लिए फोन आए, तो सेल्‍स एग्‍जीक्‍यूटिव से यह जरूर पूछिए कि ईएमआई और ब्‍याज दर क्‍या होगी और इसकी अन्‍य बैंकों के ऑफर से तुलना कीजिए। आपको तब पला चलेगा कि रिड्यूशिंग बैलेंस पर लिया गया लोन हमेशा फ्लैट रेट लोन से बेहतर होता है।

Latest Business News