नई दिल्ली। केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 4 करोड़ अंशधारकों को घर खरीदने के लिए उनके पीएफ एकाउंट से 90 फीसदी तक रकम निकालने की सुविधा देने के लिए नियम में संशोधन करेगी। इससे ईपीएफओ सदस्यों को घर खरीदने के लिए जरूरी डाउन पेमेंट जुटाने में मदद मिल सकेगी।
केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को संसद में यह जानकारी दी गई। स्कीम में संशोधन के बाद कर्मचारी अपने ईपीएफ खाते से ही होम लोन की ईएमआई भी चुका सकेंगे।
ईपीएफओ की ओर से प्रस्तावित नए प्रावधानों के मुताबिक कम से कम 10 अंशधारकों को मिलकर एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी का गठन करना होगा। तभी पीएफ खाते से वे रकम निकाल सकेंगे।
कर्मचारियों के लिए हाउसिंग स्कीम से जुड़े सवाल के जवाब में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने संसद में कहा,
सरकार कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में संशोधन कर रही है। इस योजना में पैराग्राफ 68 BD जोड़ा जाएगा।
- मंत्री ने बताया कि नए प्रावधानों के मुताबिक यदि कोई अंशधारक किसी को-ऑपरेटिव सोसाइटी और हाउसिंग सोसाइटी का सदस्य है तो वह घर या फ्लैट खरीदने के लिए अपने खाते से 90 फीसदी तक राशि निकालने के पात्र होंगे।
- यही नहीं मकान के निर्माण के लिए भी खाते से रकम निकाली जा सकेगी।
- पिछले ही दिनों केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने पीएफ खाताधारकों को ऐसी सुविधा दिए जाने की बात कही थी।
- गौरतलब है कि ज्यादातर कर्मचारी अपना कामकाजी जीवन किराये के मकान में काट देते हैं।
- सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली सारी राशि का इस्तेमाल वे घर खरीदने में करते हैं।
- फिलहाल ईपीएफओ के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 12 फीसदी भविष्य निधि में देना होता है।
- इसमें मूल वेतन के अलावा महंगाई भत्ता शामिल होता है।
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