Tax Saving Instruments : इंश्योरेंस, PPF से नहीं इन रास्तों से भी बचा सकते हैं अपना इनकम टैक्स
लोग इनकम टैक्स सेविंग के लिए LIC या एफडी खरीद लेते हैं। दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपना टैक्स बचा सकते हैं।
नई दिल्ली। फाइनेंशियल ईयर खत्म होने के साथ ही आपकी टैक्स से जुड़ी टेंशन शुरू हो चुकी। अक्सर लोग इन्वेस्टमेंट की तारीख नजदीक होने के चलते हड़बड़ी में टैक्स सेविंग के लिए यहां-वहां इन्वेस्टमेंट कर डालते है। लेकिन अधिकतर मामलों में ऐसे इन्वेस्टमेंट आपकी पॉकेट के लिए ही नहीं बल्कि आपकी फ्यूचर प्लानिंग के लिए भी घातक हो जाते हैं। अधिकतर लोग टैक्स सेविंग के लिए जीवम बीमा या फिर बैंक एफडी खरीद लेते हैं। इसके अलावा पीपीएम और डाकघर की योजनाओं में जल्दबाजी में निवेश कर देते हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है दूसरे विकल्पों के बारे में जिनकी मदद से आप टैक्स बचा सकते हैं।
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लीव ट्रैवल एलाउंस
आपका इंप्लॉयर आपको इनकम के पार्ट बी के तहत लीव ट्रैवल एलाउंस उपलब्ध कराते हैं। लीव ट्रैवल एलाउं सके तहत आपको एक लिमिट तक घरेलू यात्राओं पर हुए खर्च पर आयकर कानून की धारा 10(5) के तहत छूट मिलती है। एक व्यक्ति की सैलरी के हिसाब से उसे लीव ट्रैवल अलाउंस की छूट दी जाती है।
ग्रेच्युटी
किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा प्राप्त किए गए ग्रेच्युटी अमाउंट पर टैक्स में पूरी छूट मिलती है। इसके अलावा जो भी ग्रेच्युटी एक्ट के अंतर्गत आते हैं, उन्हें भी इनमें से जो सबसे कम हो उसकी छूट प्रदान की जाती है। जो लोग ग्रेच्युटी एक्ट के अंतर्गत नहीं आते हैं उन्हें हर साल की 15 दिन की एवरेज इनकम, 10 लाख रुपए या प्राप्त ग्रेच्युटी में से जो कम है उस पर टैक्स की छूट मिलती है।
बकाया छुट्टियों की राशि पर छूट
सेक्शन 10 के तहत एक सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय उसकी बकाया छुट्टियों के लिए दी जाने वाली राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। लेकिन अगर व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है तो फिर उसे अर्न्ड लीव को औसत मंथली सैलरी से प्राप्त राशि, औसत मंथली सैलरी को 10 से गुणा की गई राशि, 3 लाख रुपए या फिर बकाया छुट्यिों के लिए प्राप्त राशि में से जो कम होगा उस पर टैक्स छूट मिलेगी।
बच्चों की एजुकेशन
एक टैक्स पेयर को उसके दो बच्चों की पढ़ाई पर टैक्स से 100 फीसदी की छूट मिलती है। इसी तरह यदि आपका बच्चा होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है तो उसे दो बच्चों के हिसाब से होस्टल फीस पर भी टैक्स की छूट हासिल होती है।
एग्रीकल्चर इनकम
अगर आपको खेती से किसी प्रकार की इनकम होती है तो आपको उस पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता। यदि व्यक्ति की इनकम खेती के अलावा किसी अन्य स्रोत से होती है तो उसे नॉन एग्रीकल्चर इनकम माना जाता है। हालांकिन नॉन एग्रीकल्चर इनकम को कैल्कुलेट करते वक्त एग्रीकल्चर इनकम को भी शामिल किया जाता है।