नई दिल्ली। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने 6 बिल्डरों की 17 परियोजनाओं की भवन योजना को रद्द कर दिया है। इसमें जेपी समूह भी शामिल है। प्राधिकरण के सूत्रों ने कहा कि परियोजनाओं को इसलिए रद्द किया गया है क्योंकि जो आपत्तियां जताई गई थीं, उन्हें दूर करने में बिल्डर विफल रहे हैं। 6 बिल्डर 2014 और 2016 के बीच के कुछ बिल्डिंग प्लान पर जताई गई आपत्तियों को दूर नहीं कर सके। प्राधिकरण के इस कदम से हजारों निवेशकों और खरीदारों को झटका लगा है। यह भी पढ़ें :विशेष अदालत में 2जी घोटाला मामले में बहस पूरी, तीन महीने के भीतर फैसला आने की उम्मीद
इन बिल्डरों के प्रोजेक्ट हुए रद्द
जिन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट रद्द किए गए हैं, उनमें जेपी, गौड़ सन्स प्राइवेट लिमिटेड, वीजीए डेवलपर्स, अजनारा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, अरबेनिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
YEIDA ने लेआउट प्लान को दी थी मंजूरी
YEIDA ने लेआउट प्लान को मंजूरी दे दी थी, लेकिन योजना विभाग ने इन 17 परियोजनाओं के बिल्डिंग प्लान को लेकर कुछ आपत्तियां जताई थीं। सूत्रों ने कहा कि बिल्डरों ने नया बिल्डिंग प्लान मंजूरी के लिए नहीं दिया है। ऐसे में प्राधिकरण ने इन 17 परियोजनाओं की योजना को रद्द करने का फैसला किया है।
जेपी समूह को 168 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे बनाने के बदले में निर्माण शर्तों के अनुसार नोएडा से लेकर आगरा तक पांच जगहों पर पांच-पांच सौ हेक्टेयर जमीन दी गई थी। समूह ने दनकौर के पास मिली जमीन में से कुछ हिस्से गौड़ सन्स प्राइवेट लिमिटेड, वीजीए डेपलपर्सपर्स, अजनारा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, अरबेनिया प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी। वहीं, बाकी जगह पर कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉजेक्ट लॉन्च किए।
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सूत्रों ने कहा कि बिल्डरों को अब नए सिरे से बिल्डिंग प्लान को मंजूरी के लिए आवेदन करना होगा। सूत्रों ने कहा कि खरीदारों की शिकायतों तथा परियोजनाओं को पूरा करने में लंबे विलंब के मद्देनजर प्राधिकरण ग्राहकों का भरोसा कायम करने के लिए कई कदम उठा रहा है।
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