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होम लोन के लिए एप्लाई करते वक्त महिलाओं को मिलता है ज्यादा फायदा

लोन लेते वक्त खरीदार का सबसे ज्यादा ध्यान इंटरेस्ट रेट पर होता है। होम लोन बड़ी राशि और लंबी अवधि के लिए लिया जाता है। महिलाओं को कम ब्याज पर लोन मिलता है

नई दिल्ली। कई बैंकों और अन्य एजेंसियों ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रुप से सशक्त बनाने के लिए प्रयास किया है। इनमें महिलाओं और बच्चियों के लिए स्पेशल एकाउंट, कम रेट्स और अपने नाम पर घर खरीदने को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल स्कीम शुरू की हुईं हैं। सत्ता में आने वाली सभी सरकारे ऐसी पॉलिसी लाती हैं जो उन्हें प्रोत्साहित और आर्थिक रुप से मदद प्रदान करती है। चाहे पुरूष हो या महिला, लेकिन अपने नाम पर घर लेने से आर्थिक स्वतंत्रता का एहसास होता है। लोन लेते वक्त आपको बता दें कि आज के समय में लोन के लिए एप्लाई करने पर महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा लाभ मिलता है।

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होन लोन लेते समय कर्जदाता महिलाओं को क्या ऑफर करता है-

अगर आप महिला हैं और अपने नाम पर घर खरीदना चाहती है तो पुरूष की तुलना में आपको ज्यादा फायदे मिलते हैं। महिला खरीदार के लिए बैंकों की अलग अलग स्कीम होती हैं।

कम इंटरेस्ट रेट-

लोन लेते वक्त खरीदार का सबसे ज्यादा ध्यान इंटरेस्ट रेट पर होता है। चूंकि होम लोन एक बड़ी राशि और लंबी अवधि के लिए होते हैं इसलिए इंटरेस्ट रेट में मामूली सा भी बदलाव कर्जदार पर बड़ा असर डालता है। मौजूदा समय में अधिकांश बैंक महिला कर्जदारों को 5 बेसिस प्वाइंट के अंतर के पर इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जाता है। उदाहरण के तौर पर एसबीआई के स्पेशल होम लोन स्कीम का नाम है हर घर, एचडीएफसी की स्कीम का वूमेन पावर। आईसीआईसीआई बैंक और एलआईसी महिलाओं को कम और किफायती रेट पर लोन देती हैं। कई एनबीएफसी बैंक भी कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मुहैयी कराता है।

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लोन एप्लिकेशन के स्वीकार होने के संभावना ज्यादा होती है-

सभी कर्जादाता लोन की एप्लिकेशन को स्वीकार करने से पहले अच्छी तरह से जांच करते हैं। इसके लिए आवेदनकर्ता की योग्यता, संबंधि दस्तावेज, प्रमाण पत्र और अच्छे सिबिल स्कोर होने अनिवार्य हैं। क्रेडिट स्कोर के जरिए बैंक आवेदनकर्ता की लोन चुकाने की क्षमता को जांचते है। मसलन, पुरूषों की तुलना में महिलाओं को ईएमआई चुकाने के मामले में ज्यादा विश्वासपात्र माना जाता है। हालांकि लोन नंबर और दस्तावेज के आधार पर दिया जाता है, लेकिन महिलाओं की एप्लिकेशन स्वीकार होने की संभावना ज्यादा होती है।

कम स्टांप ड्यूटी-

स्टांप ड्यूटी राज्य सरकार तय करती है और यह हर राज्य में अलग अलग होती है। हमेशा ही स्टांप ड्यूटी कम नहीं होती, लेकिन आम तौर महिलाओं के लिए कम होती है। घर खरीदार के लिए स्टांप ड्यूटी भी एक भोझ होती है, सामान्य तौर पर दिल्ली और हरयाणा जैसे राज्यों में महिलाओं के लिए 1 से 2 फीसदी की छूट होती है।

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