करना चाहते हैं आप म्यूचुअल फंड में निवेश, जान लीजिए आपके लिए क्या है सबसे बेहतर तरीका
म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के यहां दो तरीके हैं। या तो आप एक लंपसम राशि जमा कर सकते हैं या आप सिप का रास्ता अपना सकते हैं।
नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के यहां दो तरीके हैं। या तो आप एक लंपसम राशि जमा कर सकते हैं या आप सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) का रास्ता अपना सकते हैं। लंपसम का रास्ता तब अपनाया जाता है जब आप एक बड़ी राशि एक बार में ही निवेश करना चाहते हों। दूसरी ओर सिप के जरिये आप एक निश्चित समय अंतराल पर एक निश्चित राशि जमा करते हैं। यह समय मासिक या तिमाही कुछ भी हो सकता है। वर्तमान में यहां सिप के कई विकल्प मौजूद हैं, उदाहरण के लिए आप हर माह बाजार के आधार पर निवेश की जाने वाली राशि बदल सकते हैं। लेकिन आज के लिए हम यहां केवल तय सिप राशि के बारे में आपको बताएंगे, कि आपको कौन सा रास्ता चुनना चाहिए।
कैश फ्लो पर डालें एक नजर
निवेश के लिए आपको कौन सा रास्ता चुनना चाहिए ये जानने के लिए सबसे पहले आपको अपने कैश फ्लो पर एक नजर डालनी चाहिए। आप कितने दिन में अपनी आय प्राप्त करते हैं? वेतनभोगी कर्मचारी हर महीने एक तय राशि प्राप्त करता है और उनकी आय नियमित होती है। यदि आपकी आमदनी तय है तो इसका मतलब है कि आप नियमित तौर पर निवेश करने की स्थिति में हैं। मासिक सिप आपके लिए बेहतर रहेगी।
लेकिन यदि आप एक बिजनेसमैन हैं, तो आपकी आमदनी अनियमित हो सकती है, कुछ माह में आपकी आमदनी बहुत ज्यादा हो सकती है और कुछ माह में आमदनी घट भी सकती है। यदि आप अपने कैश फ्लो का प्लान सही तरीके से बनाते हैं तो आप अपने सिप के साथ बने रह सकते हैं। लेकन कुछ लोग जब अतिरिक्त नकदी हासिल करते हैं तो वो लंपसम राशि भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसी प्रकार, यदि आपको बोनस मिला है, या आपको उपहार में कोई राशि या विरासत में संपत्ति या रिटायरमेंट राशि मिली हैं, तो ऐसे मामले में आप लंपसम राशि का निवेश कर सकते हैं।
रिटर्न की तुलना न करें
लोग सिप और लंपसम इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना करते हैं। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। आपको कभी भी रिटर्न की तुलना नहीं करनी चाहिए क्योंकि लंबी अवधि में इन दोनों तरीकों से मिलने वाले रिटर्न में ज्यादा कोई अंतर नहीं होता है। एक विश्लेषण से यह पता चला है कि डाइवर्सीफाइड फंड्स में 10 और 15 साल की समयावधि में दोनों तरीकों सिप ओर लंपसम रिटर्न में केवल 2 फीसदी अंक का अंतर था। हालांकि, एक से पांच साल की समयावधि में रिटर्न का अंतर बहुत ज्यादा था।
क्या आपको बाजार पर नजर रखनी चाहिए?
हम आपको बाजार पर नजर रखने की सलाह नहीं देते हैं। लेकिन आप यह तय करने के लिए कि आप सिप करना चाहते हैं या लंपसम निवेश इसका फैसला करने के लिए आप बाजार पर एक नजर जरूर डाल सकते हैं। जब आप निवेश के लिए तैयार है और उस समय यदि बाजार लगातार गिरावट के दौर में हैं तो सामान्य तौर पर लंपसम निवेश अच्छा होता है। हालांकि, जैसा कि ऊपर बताया गया है, जिनकी नियमित आय है उनके लिए सिप ही बेहतर विकल्प है। जिनकी अनियमित आय है तब वे अपने सरप्लस को लंपसम निवेश कर सकते हैं या इसे सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान की मदद से छोटे-छोटे टुकड़ों में निवेश कर सकते हैं। हमेशा एक बाद का जरूर ध्यान रखें कि लंपसम निवेश के लिए जोखिम सहने की क्षमता बहुत अधिक चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि आपके निवेश करने के तुरंत बाद बाजार क्रैश हो जाए तो आप अपने पैसे से हाथ भी धो सकते हैं। यदि आपने अच्दे फंड का चुनाव किया है और आप नियमित अंतराल पर निवेश जारी रखते हैं तो दस साल की अवधि में आपका औसत वार्षिक रिटर्न बेहतर मिलेगा। सिप से निवेश करना बहुत ही आसान है। इसलिए अपना तरीका चुनिए, लेकिन निवेश करना चालू रखिए।