क्रेडिट कार्ड या कर्ज का बकाया चुकाने के बावजूद नहीं मिल रहा लोन तो अपनाएं ये तरीके
बैंक या वित्तीय संस्थान ने सिबिल जैसी एजेंसी को पेमेंट के संदर्भ में अपडेट नहीं किया तो आपको नया लोन लेने में दिक्कत आती है।
नई दिल्ली। हम सब जानते हैं कि क्रेडिट स्कोर खराब होने के कारण बैंक लोन नहीं देते हैं। जिनका क्रेडिट स्कोर 700 से कम है उन्हें बैंक लोन देते भी हैं तो ज्यादा ब्याज वसूलते हैं। हालांकि, कई बार ऐसा भी होता है कि आप अपने लोन या क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान कर चुके हैं, इसके बावजूद बैंक क्रेडिट स्कोर का हवाला देते हुए आपको कर्ज देने से इनकार कर देते हैं। आइए, जानते हैं इसकी वजह क्या होती है और इसे कैसे दुरुस्त किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : लोन के लिए बेवजह आवेदन करना पड़ सकता है महंगा, गड़बड़ा सकता है CIBIL स्कोर
कहां होती है गलती?
कई मामलों में ऐसा होता है कि क्रेडिट कार्ड या लोन के बकाए का भुगतान न करने वाला व्यक्ति सोचता है कि दूसरे बैंक या वित्तीय संस्थान को उसके डिफॉल्ट की जानकारी नहीं होगी। वास्तविकता यह है कि क्रेडिट स्कोर कोई भी वित्तीय संस्थान या बैंक आसानी से देख सकते हैं। मान लीजिए, आपने 6 महीने तक किसी क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाया। बाद में इसका सेटलमेंट करवा लिया या पूरी पेमेंट कर दी। अब अगर बैंक या वित्तीय संस्थान ने सिबिल जैसी एजेंसी को पेमेंट के संदर्भ में अपडेट नहीं किया तो आपको नया लोन लेने में दिक्कत आती है।
सेटलमेंट या फुल पेमेंट करने के बावजूद इसलिए भी नहीं मिलता लोन
लोन का आवेदन करने के बाद बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट देखते हैं। भले ही आपने बकाए का फुल पेमेंट कर दिया हो लेकिन रिपोर्ट में दिखने वाला कुछ महीनों का डिफॉल्ट आपके क्रेडिट स्कोर पर एक धब्बा होता है। बैंक ऐसे आवेदकों को ज्यादा जोखिम वाली श्रेणी में रखते हैं। हैं। फुल पेमेंट के बाद भले ही क्रेडिट स्कोर में सुधार हुआ हो लेकिन वह एक कर्जदाता के लिए कम ही होता है। है। समय के साथ इसमें धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती है।
यह भी पढ़ें : फोन पर Home Loan ऑफर करने वाले बैंक आखिर क्यों रद्द कर देते हैं अप्लिकेशन
ऐसे सुधारे अपना क्रेडिट स्कोर
अगर कोई नया क्रेडिट कार्ड या लोन लेना हो तो अपना क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं। इसके लिए बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, या एंडोमेंट पॉलिसी को गिरवी रख कर लोन लीजिए। लीजिए। डिफॉल्टरों के लिए लोन के ये विकल्प खुले रहते हैं। इससे क्रेडिट स्कोर में काफी तेजी से सुधार होगा।
क्रेडिट स्कोर सुधरने में लग सकता है इतना वक्त
क्रेडिट स्कोर सुधरने में आम तौर पर दो या तीन साल लग सकता है। इसके बाद ही आप बैंकों से आसानी से लोन ले सकेंगे। अचानक से क्रेडिट स्कोर में सुधार लाने का कोई तरीका नहीं है। आप चाहें तो क्रेडिटसुधार जैसी कंपनियों की मदद भी इस मामले में ले सकते हैं।