6 Things to Remember: लाइफ सिक्योर करने के लिए ले रहे हैं इंश्योरेंस, तो पॉलिसी लेते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
अक्सर हम पहली बार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त कुछ बातों का ख्याल नहीं रखते और गलत पॉलिसी में पैसा लगा देते हैं। इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है।
नई दिल्ली। मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लगने के बाद कार्तिक को जब पहला सैलरी चैक मिला, तो उसने खाने-पीने, घूमने-फिरने, शॉपिंग के प्लान के साथ ही बचत और निवेश की भी प्लानिंग शुरू कर दी। कार्तिक को उसके फैमिली फ्रेंड ने इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का सुझाव दिया। उसका प्रीमियम कार्तिक की पॉकिट को फिट बैठता था। उसने बिना समझे बूझे पॉलिसी ले ली। लेकिन तीन साल बाद जिम्मेदारियां बढ़ने पर उसे इंश्योरेंस पॉलिसी भारी लगने लगी। वहीं जब उसने पड़ताल की तो उस पॉलिसी का सम इंश्योर्ड भी मात्र 5 लाख रुपए था। कार्तिक को जब गलती का अहसास हुआ तो उसने पॉलिसी सरेंडर कर दी। कार्तिक जैसी गलती हम में से कई लोग पहली बार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त करते हैं। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है कुछ ऐसी बातों के बारें में जिन्हें आपको पहली बार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त ख्याल में रखना चाहिए।
इंश्योरेंस जितना जल्दी उतना बढि़या
इंश्योरेंस की भाषा में सबसे पहला पाठ यही है कि जितना जल्दी हो इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद लें। जल्दी शुरुआत करने पर आपका प्रीमियम कम लगता है। यही प्रीमियम राशि आपको पूरी बीमा अवधि में चुकानी होती है। ये टर्म प्लान खरीदने में ज्यादा लाभदायक है। आप जितनी देर से इंश्योरेंस खरीदेंगे उतनी ही हर साल प्रीमियम राशि बढ़ती जाएगी।
अपने लक्ष्य को तय कर लें
निवेश की तरह इंश्योरेंस लेने से पहले अपना लक्ष्य जरूर तय कर लें। अपने लक्ष्य को तय करने से आगे की प्रक्रिया आसान हो जाती है। लक्ष्य को तय करने में आप अपनी आय, लाएबिलिटीज और भविष्य के लिए आर्थिक अपेक्षा को मानक बना सकते हैं। गणना करते वक्त मंहगाई दर का जरूर ध्यान रखें। उस राशि का अनुमान लगा लें जो आप 15 से 20 सालों के बाद चाहते हैं। इसके बाद उलटी गिनती करें और आप जान जाएंगे कि आपको कितनी बचत करनी है।
इंश्योरेंस नहीं है निवेश
अक्सर हम इंश्योरेंस को निवेश समझने की भूल कर जाते हैं। लेकिन ये दोनों बाते बिल्कुल अलग हैं। हम अपना भविष्य खुशहाल बनाने के लिए निवेश करते हैं। वहीं दूसरी ओर हम अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित बनाने के लिए इंश्योरेंस लेते हैं। लेकिन शुरुआती दौर में टैक्स सेविंग के चक्कर में युवा इंश्योरेंस और निवेश में कंफ्यूज हो जाते हैं। बाजार में भी इसी कंफ्यूजन को भुनाने के लिए कई प्रॉडक्ट मौजूद हैं। इनसे बच कर रहें।
बैलेंस्ड फाइनेंशियल पोर्टफोलियो तैयार करें
ऐसा आपने अनुभव किया होगा कि जब भी निवेश करना शुरु करते हैं आपके बड़े आपको फिक्स्ड डिपॉडिट में निवेश करने का सुझाव देते हैं, जबकि दूसरी ओर आपके दोस्त आपको शेयर्स में निवेश करने को कहते हैं। लेकिन किसी के कहने में न आ कर निवेश करें। निवेश से पहले अच्छे से रिसर्च करें। अपने पैसों को टर्म प्लान या फिर कम कीमत के यूलिप में निवेश करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि ऐर अतिरिक्त कवर्स को भी चयन करें जैसे कि क्रिटिकल इल्नेस प्लान और आपके भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल एक्सिडेंट कवर।
तुलना करें और समझदारी से चयन करें
बाजार में ऐसी ढ़ेरों पॉलिसी हैं जो ऊंचे रिटर्न्स और अतिरिक्त लाभ देने का दावा करती है। इन सबके विज्ञापनों में न आकर ऐसी पॉलिसी का चयन करें जो आपके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा कर सकती हैं। साथ ही कई तरह के इश्योरेंस पलान भी है जैसे कि होल टर्म प्लान, ट्रैडिशनल प्लान एंडॉमेंट प्लान और रिटायरमेंट प्लान। अपनी जरूरतों को समझें और उसके बाद हर तरह के इंश्योरेंस प्लान के बीच का फर्क समझें। इसके बाद ही खरीदने का फैसला करें। कभी भी किसी भी तरह के एजेंट या ढ़ेर सारी पॉलिसी के बहकावे में न आए।
किसी प्रोफेशनल की मदद लें
कभी भी रिश्तेदारों या दोस्तों की बातों में आकर गलत निवेश के जाल में न फसे। अगर आप असमंजस में हो तो एक्सपर्ट या प्रोफेशनल की मदद लें। एडवाइजर बाजार के ट्रैंड्स को समझता है। लेकिन फिर भी उनपर पूरी तरह से विश्वास न करें। रिसर्च करें, सवाल जवाब करें और पॉलिसी खरीदने से पहले डॉक्यूमेंट्स को पढ़ें। या फिर आप इंश्योरेंस कंपेरिजन वेबसाइट पर जाएं और फर्स्ट हैंड रिसर्च करें, अपनी राय का विश्लेषण करें और फिर जो आपके लिए बेहतर है उसका चयन करें।